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20 Oct 2021 · 1 min read

विवाह

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विवाह क्या है एक आतिशबाज़ी ही?
कुछ शब्द जो चीखते हैं किन्तु,
सुनाई नहीं देते।
रंग-बिरंगे रौशनी के चमकते झालर,
जो दिखाई नहीं देते।
अपरिभाषित आशीर्वचन और शाबाशी ही?

विवाह प्रारंभ होता कब है!
सिन्दूर या समर्पण से?
सामने साथ खड़े होने से
विपत्तियों के!
विरोध करने से अपनी प्रेमातुर चाह पर,
उठी आपत्तियों के।
साथ चलते हुए सिर-फुट्टौवल करने से।
सांसरिक युद्ध में फूटे सिर की
मरम्मत करने से।

समझा जाया किया है
संतान के बिना विवाह अधूरा।
पर,कोख से चिता तक
क्या-क्या होता है पूरा!
विवाह अनसुलझा रहस्य है
मनुष्य का।
पशुवत लौटता रहता है
मायूस सा।
————-12सितंबर21————–

Language: Hindi
178 Views
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