धुनी रमाई है तेरे नाम की
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*मैं अमर आत्म-पद या मरणशील तन【गीत】*
हाइपरटेंशन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शिक्षा बिना जीवन है अधूरा
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
इश्क़ में रहम अब मुमकिन नहीं
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिन्दी दोहा बिषय- न्याय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खांटी कबीरपंथी / Musafir Baitha
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
एक सांप तब तक किसी को मित्र बनाकर रखता है जब तक वह भूखा न हो
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,