आलोक पांडेय Language: Hindi 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आलोक पांडेय 23 Apr 2025 · 1 min read मेरी ज़िंदगी — एक अतुकान्त कविता मेरी ज़िंदगी — एक अतुकान्त कविता न कोई तुक रही, न कोई तय छंद, जिस दिन तुम चली गईं— उस दिन मेरी ज़िंदगी कविता तो रही, पर अतुकान्त हो गई।... Hindi 13 Share आलोक पांडेय 17 Apr 2025 · 1 min read मन को साधने की युक्ति (कवि: आलोक) मन नहीं मानता सहज, यह तो बड़ा चंचल चोर, एक पल बंसी की ओर देखे, दूजे पल दौड़े विषयों की ओर। कहने को तो नाम लेता है, श्याम... Hindi 23 Share आलोक पांडेय 9 Apr 2025 · 1 min read "क्रांति और कणिका" ✍️आलोक कुमार पांडेय "स्वच्छंद" एक था सिंह, लपटों में पला, एक था सेज, परमाणु चला। दोनों ने चूमा मृत्यु का द्वार, एक स्वतन्त्रता का प्रेमी, एक करे विज्ञान से प्यार।... Hindi 21 Share आलोक पांडेय 31 Mar 2025 · 1 min read अधर्म उन्नति और पूर्व पुण्य (✍🏻 स्वछंद कवि आलोक पांडेय) अधर्म का आचरण कर, यदि कोई चढ़ता जाए, मत समझना यह उसकी नीति, यह तो पुण्य का दान है पाए। जैसे दीपक बुझने से पहले, तेज चमक दिखलाता है, वैसे... Hindi 27 Share आलोक पांडेय 30 Mar 2025 · 1 min read चैत्र नवरात्रि की शुभ बेला ✍️(स्वच्छंद कवि आलोक पांडेय) चैत्र नवरात्रि की शुभ बेला ✍️(स्वच्छंद कवि आलोक पांडेय) शक्ति स्वरूपा, मां जगदंबे, तेरा गान सुनाएं, तेरी महिमा, तेरी कृपा, सबको राह दिखाए। अम्बे, अणिमा-महिमा तेरी, सृष्टि तुझसे जारी, तेरे... Hindi 32 Share आलोक पांडेय 28 Mar 2025 · 2 min read दोहा संग्रह — परधन की लालसा 1 परधन की जो चाह रखे, मन से निकले ध्यान। छल से पाया धन सदा, लाये दुख संतान।। 2 लालच भीतर जब बसे, मिटे न तृष्णा प्यास। जितना पाया और... Hindi 30 Share आलोक पांडेय 25 Mar 2025 · 1 min read एक संगठन, ध्वजा भगवा धारी, एक संगठन, ध्वजा भगवा धारी, राष्ट्र प्रथम का मंत्र उच्चारी। अनुशासन की नींव सुदृढ़ डाली, चरित्र निर्माण की राह निकाली। शाखाओं में सीखा हमने चलना, एक साथ मिलकर आगे बढ़ना।... Hindi 35 Share आलोक पांडेय 25 Mar 2025 · 1 min read राणा सांगा की वीरता पर प्रश्न क्यों? खंडित तन, अनगिनत घाव, फिर भी न डिगा वो वीर, एक आँख खोई रण में, एक हाथ हुआ अधीर। सौ से अधिक थे घाव शरीर पर, साहस था चट्टान, फिर... Hindi 37 Share आलोक पांडेय 24 Mar 2025 · 1 min read "मन का गुबार" "मन का गुबार" मन में दबे जो भाव हैं भारी, बन जाते हैं वो एक दुख की क्यारी। घुटन सी होती, बोझ सा लगता, हर पल जीवन जैसे थम सा... Hindi 35 Share आलोक पांडेय 22 Mar 2025 · 1 min read "अर्चना तुम अवर्णनीय थी" "अर्चना तुम अवर्णनीय थी" अर्चना, तुम अवर्णनीय थी, शब्दों के परे, एक अनछुई भावना, जो मन में भरे। तुम्हारी उपस्थिति थी एक मधुर एहसास, जिसे व्यक्त कर पाना था मुश्किल... Hindi 31 Share आलोक पांडेय 20 Mar 2025 · 1 min read ज्ञान, चरित्र, संस्कार का धाम - सरस्वती शिशु मंदिर यहाँ ज्ञान की ज्योति जलती, चरित्र की नींव यहाँ है पलती। संस्कारों की बहती अविरल धारा, वह पावन मंदिर, प्यारा-प्यारा। सरस्वती का है यह मंदिर, विद्या का अनुपम सुंदर घर।... Hindi 29 Share आलोक पांडेय 20 Mar 2025 · 1 min read भक्त की पुकार "दोहा सप्तक" अंतर व्याकुल हो रहा, नैनन बरस नीर। कब सुनोगे दीन की,हे प्रभु करुना वीर॥ भटक रहा हूँ दर-बदर,आस तुम्हारी एक। थामो पतवार अब मेरी, भवसागर अति टेढ़॥ पुकारूँ तुमको रात... Hindi 32 Share आलोक पांडेय 19 Mar 2025 · 1 min read "सुनीता से सीखो, आगे बढ़ो" "सुनीता से सीखो, आगे बढ़ो" अंतरिक्ष की उड़ान भरी, कल्पना को साकार करी। भारत की बेटी, विश्व में छाई, सुनीता विलियम्स ने धूम मचाई। गुरुत्वाकर्षण को पीछे छोड़ा, तारों से... Hindi 28 Share आलोक पांडेय 17 Mar 2025 · 1 min read "शब्द" "शब्द" ये छोटे से अक्षर, अद्भुत इनकी शान, मन के भावों को देते ये पहचान। कभी ये मीठे रस से घुले हुए, कभी ये तीखे बाण से बुने हुए। विचारों... Hindi 1 28 Share आलोक पांडेय 16 Mar 2025 · 1 min read "हे! कृष्ण, इस कलि काल में" हे कृष्ण, इस कलि काल में, जरूरत में जरूरत तुम्हारी। घोर अँधेरा छाया जग में, पापों की है भरमार। मोह-माया का जाल बिछा है, छूटे सब संस्कार। मन अशांत, हृदय... Hindi 32 Share आलोक पांडेय 14 Mar 2025 · 1 min read प्रह्लाद की टेर प्रह्लाद की टेर भय का नहीं था लेश मन में, विष्णु बसे थे कण-कण में। हिरण्यकश्यप का क्रोध भारी, पर प्रह्लाद की भक्ति थी प्यारी। अग्नि में जलाना चाहा जब,... Hindi 33 Share आलोक पांडेय 1 Mar 2025 · 2 min read "परिस्थिति का चक्रव्यूह बनाम आलोक" कभी सुख की धूप कभी गम की छाँव, परिस्थिति चक्रव्यूह का ये कैसा है गाँव? पल में हँसाए पल में रुलाए, जीवन की नैया कहाँ ले जाए? राहों में काँटे... Hindi 35 Share आलोक पांडेय 28 Sep 2024 · 1 min read वीर भगत सिंह अंग्रेजी हुकूमत की जड़ों को अपने साहस से झकझोरा था, आजादी की अलख जगा गुलामी की जंजीरोंको तोड़ा था। निष्ठुर आलोचना स्वतंत्र विचार यही क्रांतिकारी की पहचान, जय हो तेरी... Hindi 174 Share आलोक पांडेय 11 May 2024 · 1 min read तुमने जबसे है मेरा साथ छोड़ा, तुमने जबसे है मेरा साथ छोड़ा, हर किसी ने हमसे मुंह है मोड़ा। जबसे गई लेकर अंतिम विदाई, चारों दिशाओं ने भी की हमसे रुसवाई। हित मीत सगे सम्बन्धी सभी... Hindi 117 Share आलोक पांडेय 2 Jun 2023 · 1 min read "जब ख्वाबों की पंखुड़ियाँ टूट जाती हैं" जब रूह के अंदर दर्द का संगीत छलकता है, जब आँखों से आंसू बारिश की तरह टपकता है, जब दिल में जलती हैं रौशनी की जगमगाहटें, तब दर्द भरी कविता... Poetry Writing Challenge 1 810 Share आलोक पांडेय 2 Jun 2023 · 1 min read दूरियाँ चाँद की किरणों से जगमगाता आसमान, दूरी की गहराईयों में खो जाता है समय। मजबूत रिश्तों की डोर खिंची हुई है, और दूरियों की दीवारों ने अलग कर दिया है... Poetry Writing Challenge 287 Share आलोक पांडेय 23 Dec 2022 · 1 min read स्वप्न सुंदरी तेरा नाम है क्या मेरे सपनों में आने वाली है, स्वप्न सुंदरी तेरा नाम है क्या। तेरे खयालो में खोया रहता, अपनी जरा पहचान तो बता। ओस के बूंदों की तरह मेरे दिल पर... Hindi · कविता 1 674 Share आलोक पांडेय 19 Oct 2021 · 1 min read हयात में मेरे आलोक भर दो तुम अवर्णनीय हो, तुम अवर्चनीय हो। तुम्हारी बात क्या करूँ, तुम अकल्पनीय हो। देती इज़ाज़त यदि मुझें, करता तेरा मैं यशगान। सप्तसिंधु जैसी हो तुम, हो तुम हिमालय सी महान।... Hindi · कविता 2 2 580 Share आलोक पांडेय 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी भाषा जग में महान भारत की पहचान है हिंदी, जीवन के मूल्यों का आधार है हिंदी। संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक है हिंदी, सम्प्रेषक की परिचायक है हिंदी। सहज-सुगम है भाषा हिंदी, विश्व... Hindi · कविता 2 2 792 Share आलोक पांडेय 8 Sep 2021 · 2 min read भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार मतलब दूषित और निंदनीय आचरण। निजी या सार्वजनिक जीवन के किसी भी स्थापित और स्वीकार्य मानक का चोरी-छिपे उल्लंघन भ्रष्टाचार है। विभिन्न मानकों और देशकाल के हिसाब से गलत... Hindi · लेख 2 2 725 Share आलोक पांडेय 21 Aug 2021 · 1 min read "रक्षाबंधन" बहनें-भाइयों के कलाई पर राखी बांधती, उनकी लम्बी उम्र की ईश्वर से दुआ मांगती। स्नेह पवित्र रिश्तों का होता जहाँ संगम, है कितना प्यारा भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन। भावनाओं का... Hindi · कविता 4 2 946 Share आलोक पांडेय 9 Aug 2021 · 1 min read "आदिवासी समाज" सरल-सौम्यता का प्रतीक, परम्परागत ज्ञान के धनी। जल-जंगल-जमीन का करते जो संरक्षण, प्राकृत के रहे हमेशा उपासक। वन, पर्वत, नदियों की करते आराधना, सूर्य से मिलती जिनको नव जीवन की... Hindi · कविता 2 2 908 Share आलोक पांडेय 27 Jul 2021 · 1 min read सावन आया रे! सजनी रिमझिम बारिश की फुहार, ठण्डी-ठण्डी हवाओं की बयार। हरे-भरे सब हुए बाग उपवन, चिड़िया गाये राग मनोहार। सावन आया रे !सजनी सावन आया।। कभी-कभी घनघोर घटाओं का खूब बरसना, प्रकृत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 699 Share आलोक पांडेय 22 Jul 2021 · 2 min read पिता का दर्द डॉक्टर रमेश बलिया शहर के जाने-माने डॉक्टरों में से एक थे। उनके क्लीनिक पर हमेशा मरीज़ों की भीड़ लगी रहती थी। डॉक्टर रमेश 75 साल की उम्र में भी बहुत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 762 Share आलोक पांडेय 18 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ ममता की मूर्त रूप है, भू-मंडल से भी प्यारा उसका आँचल है। माँ तुलसी है मेरे आँगन की, माँ पुनीत बरगद की छाया है। माँ का अस्तित्व हैं आकाश... Hindi · कविता 2 2 888 Share आलोक पांडेय 17 Jul 2021 · 3 min read "ममता वाले हाथ छुट गए" कैसे हम भूल गए कि हमकों सूखे बिस्तर पर सुलाकर वो खुद गीले में सो जाती थी। कैसे हम भूल गए कि अपने ख़ुद भूखे रहकर अपनी अमृत वाली छाती... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 853 Share आलोक पांडेय 16 Jul 2021 · 3 min read त्याग के देवता मूर्ति साहब व्यवहार कुशल व्यक्तित्व थे। उनके विचार इतने नेक थे कि कुछ मिनट में ही लोग उनसे प्रभावित हो जाते थे। उनको जनरल मैनेजर होने का रत्ती भर घमण्ड... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 773 Share आलोक पांडेय 15 Jul 2021 · 2 min read भगवान तूने क्या किया मंजुला प्रसूति विभाग के बेड पर बेशुध होकर बैठी थी वही हाल गोपाल का भी था। कौन आ रहा कौन जा रहा है उनको कुछ भी होश नही था। रो-रो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 2k Share आलोक पांडेय 11 Jul 2021 · 1 min read देखा है कभी तुमने किसी टूटे हुए बााँध को? देखा है कभी तुमने किसी टूटे हुए बााँध को? जाने कैसे टूटा होगा कितना सब कुछ छूटा होगा, ये मंज़र कितना हरा रहता था जब तलक वो भरा रहता था..... Hindi · कविता 3 4 749 Share आलोक पांडेय 6 Jul 2021 · 2 min read इंसानियत और धोखा "लघुकथा" मिस्टर! चौबे एमआर का काम पिछले 10 वर्षों से कर रहे हैं। ज़िलें के अलग-अलग हॉस्पिटलों में डॉक्टरों से मिलना और दवाओं के बारे में बताना उनका पेशा है ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 817 Share आलोक पांडेय 29 Jun 2021 · 2 min read लव जिहाद छल प्रपंच ढोंग से लक्षित प्रेम है लव जिहाद, गैर- मुस्लिम माशूम बच्चियों और महिलाओंके शोषण का प्राय है लव जिहाद। मजहबी जुनून से ओतप्रोत होता है लव जिहाद, कश्मीर... Hindi · कविता 3 4 1k Share आलोक पांडेय 24 Jun 2021 · 2 min read इंटरनेट वाला प्यार मैंने भी किसी से प्यार किया था, यहाँ नही सात समंदर पार किय था। चलती थी जब वो बर्निघम (इंग्लैंड) की गलियों में, दिल यहाँ (इंडिया) में मेरा धड़कता था।... Hindi · कविता 4 6 804 Share आलोक पांडेय 22 Jun 2021 · 1 min read जब कभी तेरी याद आती हैं जब कभी तेरी याद आती है चांदनी में नहा के आती है। भीग जाते हैं आँख में सपने शब में शबनम बहा के आती है। मेरी तनहाई के तसव्वुर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 1k Share आलोक पांडेय 21 Jun 2021 · 1 min read "योगासन के फायदे" शरीर, मन, आत्मा को नियंत्रित करता योग, शारीरिक, मानसिक अनुशासन को संतुलित करता योग। चिंता और तनाव को दूर भगाता है योग, जो करते है योग सदैव रहते है निरोग।... Hindi · कविता 4 4 818 Share आलोक पांडेय 20 Jun 2021 · 2 min read "पापा की धुँधली यादे" सहेज कर रखा हूँ दिल में पापा की धुँधली यादों को, विन्रम एवं आदर्शवादी व्यक्तित्व को। बच्चों और परिवार के प्रति था उनका अद्भुत समर्पण, मेरे पापा थे कर्तव्यपरायण। हमेशा... Hindi · कविता 5 2 967 Share आलोक पांडेय 17 Jun 2021 · 1 min read "अत्याचार क्यों बेटियों पर" कैसे काल-खंड में हम जी रहें, देखने को मिलती जहाँ करुणा से लथपथ तस्वीरें। मानवता जहाँ हो रही पल-पल शर्मसार, हो रहा नित-प्रतिदिन बेटियों पर अत्याचार। व्यभिचार की आग में... Hindi · कविता 5 2 986 Share आलोक पांडेय 14 Jun 2021 · 1 min read मन मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारक है, बांधता सांसारिक बंधनो में और विकारों का नाशक है। मन की कुंजी दिया हमें ईश्वर ने खोलने नर्क-स्वर्ग का द्वार,... Hindi · कविता 6 2 670 Share आलोक पांडेय 10 Jun 2021 · 1 min read आपदा में अवसर इस महामारी को अवसर बनाके, कुछ लोग भर रहे अपनी जेब। हर तरफ लूट मची है, खेला जा रहा घिनौना खेल। मानवीय मूल्यों का कोई मोल नही, आपदा को अवसर... Hindi · कविता 4 3 484 Share आलोक पांडेय 8 Jun 2021 · 1 min read कर्ण वचन प्रभायुक्त इस मुखमंडल पर विकलता क्यों छाई है, खामोशी का कारण क्या है जो इतना घबराई है। बता माते क्या तेरी है वेदना, जो आज सुतपुत्र के पास आयी है।... Hindi · कविता 5 6 621 Share आलोक पांडेय 7 Jun 2021 · 1 min read मीत मिले कृष्णा जैसा मुझे मीत मिले कृष्णा के जैसा, निर्मल प्रेम मिले राधा रानी के जैसा। सास्वत भाग्य मिले रुक्मिणी के जैसा, तो जीवन मे दुःख काहें का। भक्ति मिले हनुमानजी के जैसा,... Hindi · कविता 5 6 610 Share आलोक पांडेय 5 Jun 2021 · 1 min read पर्यावरण दिवस की बधाईयाँ "व्यंग्य" आज पूरे दिन लगा रहा पर्यावरण दिवस की बधाइयों का तांता, मोबाइल की मेमोरी भर गई छोटे- बड़े पेड़-पौधों से। क्या नही कटेंगे पेड़-पौधे कल से, आज खोया रहा पूरे... Hindi · कविता 2 2 1k Share आलोक पांडेय 5 Jun 2021 · 1 min read भ्रम भ्रम रोग है ऐसा मनोविकार, नही होता इसका कोई आकर। भ्रम रोग से ग्रसित व्यक्ति जीता है अलग दुनिया में, फर्क नही कर पाता काल्पनिकता और वास्तविकता में। एक गलत... Hindi · कविता 3 2 1k Share आलोक पांडेय 4 Jun 2021 · 1 min read बरसात का मौसम जब सुरज बादलों में छिप जाता है, फिर पृथ्वी को बरसात नया जीवन देने आता हैं। मिलती है हमे गर्मी की तपिश से राहत, बच्चे हो या बड़े -बूढ़े सब... Hindi · कविता 2 3 720 Share आलोक पांडेय 2 Jun 2021 · 1 min read कोरोना के लक्षण कोरोना के है अलग-अलग प्रकार, सुखी खासी थकान और बुखार। बदन में होती है खुजली और दर्द, बार- बार लगती है इसमें दस्त। ये तो है इसके आम लक्षण, गले... Hindi · कविता 2 2 864 Share आलोक पांडेय 2 Jun 2021 · 1 min read जीवन संगिनी पहली बार मेरे घर मे पड़े आपके कदम, महक उठा था मेरा घर आंगन। तुमको जीवन संगिनी के रूप में पाकर, धन्य हो गया मेरे जीवन। पाकर मैंने तुम्हारा साथ... Hindi · कविता 2 4 1k Share Page 1 Next