“सुनीता से सीखो, आगे बढ़ो”

“सुनीता से सीखो, आगे बढ़ो”
अंतरिक्ष की उड़ान भरी,
कल्पना को साकार करी।
भारत की बेटी, विश्व में छाई,
सुनीता विलियम्स ने धूम मचाई।
गुरुत्वाकर्षण को पीछे छोड़ा,
तारों से नाता जोड़ा।
अंतरिक्ष स्टेशन में रहकर,
विज्ञान का परचम लहराकर।
मज़बूत इरादा, दृढ़ संकल्प,
हर बाधा को किया अल्प।
महिलाओं के लिए बनी मिसाल,
ऊँची उड़ान, अद्भुत कमाल।
भारतीय संस्कृति का मान बढ़ाया,
अंतरिक्ष में भी उसे दर्शाया।
योग और ध्यान का किया अभ्यास,
मन को रखा शांत और अविचल खास।
लौटी धरती पर फिर एक बार,
देकर सबको नया विचार।
सपने देखो, हिम्मत रखो,
सुनीता से सीखो, आगे बढ़ो।
कवि
आलोक पांडेय
गरोठ, मंदसौर, मध्यप्रदेश।