Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2021 · 1 min read

आपदा में अवसर

इस महामारी को अवसर बनाके,
कुछ लोग भर रहे अपनी जेब।
हर तरफ लूट मची है,
खेला जा रहा घिनौना खेल।

मानवीय मूल्यों का कोई मोल
नही,
आपदा को अवसर बनाने वाले
दिख रहे है हर कहीं।
निजी अस्पतालों का रहा है
सबसे बड़ा योगदान,
लाशों से पैसा कमाके फिर
भी बन रहे महान।

वेक्सीन वेंटिलेटर की करके
कालाबाजारी,
भरी इन्होंने अपनी तिजोरी।
मरीज़ तड़पता रहा ऑक्सीजन
के लिए,
डॉक्टर तड़पाता रहा मरीज़ के परिजनों
को पैसे के लिए।

विवेक शून्य होकर व्यापारी,
खूब किया इन्होंने जमाखोरी।
बढ़ाकर खाद्य वस्तुओं के दाम,
आम आदमी को किया परेशान।

किसी बड़े नेता ने कहा आपदा को
अवसर बनाओ,
कुछ बेइमानों ने समझा आपदा
में रुपये कमाओ।
कोरोना महामारी ने तन्त्र की
भी खोली पोल,
सरकारी दफ्तरों में दिखाई दिये
बड़े ही झोल।

क्या मजाल थी किसी की आपदा को
अवसर बनाता,
यदि सरकारी दंड उनके ऊपर जोर
से चला होता।
सरकार से इनको नही लगता है डर,
कहते है अपनी पहुंच है ऊपर तक।

(स्व रचित)……आलोक पाण्डेय

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 482 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
शेखर सिंह
"नया दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
हरजाई खुशी
हरजाई खुशी
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरा जीवन
मेरा जीवन
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
VINOD CHAUHAN
मान हो
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कोई फर्क नहीं पड़ता कितने प्री, मैंस, इंटरव्यू दिये, परीक्षा
कोई फर्क नहीं पड़ता कितने प्री, मैंस, इंटरव्यू दिये, परीक्षा
पूर्वार्थ देव
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
Ravi Prakash
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*बस याद ही रह जाएगी*
*बस याद ही रह जाएगी*
Sunil Gupta
भूल
भूल
Rambali Mishra
प्रश्न
प्रश्न
Shally Vij
कौन मनाएगा तुमको
कौन मनाएगा तुमको
Shekhar Chandra Mitra
कौन कहता है कि जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है मैं तो कहत
कौन कहता है कि जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है मैं तो कहत
Rj Anand Prajapati
..
..
*प्रणय प्रभात*
दूरी और प्रेम
दूरी और प्रेम
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Unrequited
Unrequited
Vedha Singh
रोटी
रोटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
क्यों हो इतनी उदास
क्यों हो इतनी उदास
Surinder blackpen
अंदर का चोर
अंदर का चोर
Shyam Sundar Subramanian
4912.*पूर्णिका*
4912.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चांद कहानी
चांद कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पत्नी
पत्नी
विशाल शुक्ल
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जीवन में कुछ करते रहो , एक जगह रहकर भी अपनी उपलब्धियों का अह
जीवन में कुछ करते रहो , एक जगह रहकर भी अपनी उपलब्धियों का अह
Raju Gajbhiye
बकरा जे कटवइबऽ तू
बकरा जे कटवइबऽ तू
आकाश महेशपुरी
गीत के मीत
गीत के मीत
Kanchan verma
दर्द
दर्द
krupa Kadam
खाली सड़के सूना
खाली सड़के सूना
Mamta Rani
Loading...