हो जाती हैं आप ही ,वहां दवा बेकार
मुहब्बत है साहब तिजारत नहीं है
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
बाहर पेपर लीक अंदर संसद लीक
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर जुमले में तेरा ज़िक्र था
सपने सुहाने
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Be happy with the little that you have, there are people wit