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7 Feb 2024 · 1 min read

मै बुलंद हौंसलो वाला

मै बुलंद हौंसलो वाला
एक जिद्दी सा लड़का
तेरी यादो से लड़ता हूँ
तो रो पड़ता हूँ..
मुद्दत गुजर गई
और,
ये आलम है मुस्तक़िल,
कोई सबब नहीं है
मगर दिल उदास है
वाकिफ़ हूँ तेरी बेरुखी से
आज भी मगर
तेरे आने की आस है
ख़बर है मुझे
कि तुम हासिल नहीं मुझ को
इसे ज़िद कहूँ,
या कहूँ मोहब्बत अपनी
तू आएगी एक रोज़
मेरी बाहों में
उम्मीद आज भी यही बाकी है

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
188 Views
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