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26 May 2024 · 1 min read

“जमाने के हिसाब से”

“जमाने के हिसाब से”
पत्थरों के बीच दिल हो जाता पत्थर,
दायरे से निकल महफ़िल सजाइए जरा।
सच बोलने वाले यहाँ जी नहीं पाते,
जमाने के हिसाब से झूठ सिखाइए जरा।

2 Likes · 2 Comments · 158 Views
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