Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2024 · 1 min read

तुम जलधर मैं मीन…

तुम जलधर मैं मीन…

तुम बिन कैसे धारूँ जीवन,
तुम जलधर मैं मीन।
प्राण जिएँ ये देख तुम्हें ही,
रहें तुम्हीं में लीन।

चाँद न आए नजर अगर तो,
कैसे जिए चकोर ?
साँझ ढले से इकटक नभ में,
देखे राह अगोर।
उसके ही स्वप्नों में खोयी,
रहे सदा तल्लीन।

स्वाति नखत के मेघ साँवरे,
करो कृपा की कोर।
अनथक ताक रही मैं प्यासी,
कबसे तेरी ओर।
पीर पराई देख हँसें सब,
करता कौन यकीन ?

अथक ललक दरसन की तेरे,
और मुझे क्या काम।
राह बुहारूँ पंथ निहारूँ,
जपूँ निरंतर नाम।
रखती बेर मधुर चख मीठे,
शबरी -सी मैं दीन।

चैन नहीं इक पल जीवन में,
जकड़ें नित नव रोग।
करते हैं उपहास अबल का,
ताकत वाले लोग।
हालत मेरी छुपी न तुमसे,
भाँति-भाँति से हीन।

अंत भले का भला न होता,
मिले झूठ को जीत।
कैसे कोई सहे कहो तो,
दुःसह जगत की रीत।
भाग्य छली ले जाता तिस पर,
कनियाँ सुख की बीन।

सुख-दुख जो भी मिलें यहाँ, सब
किस्मत के आधीन।

तुम जलधर मैं मीन…

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )
‘भाव अरुणोदय’ से

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 138 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

शिखर पर साध्वी प्रमुखा
शिखर पर साध्वी प्रमुखा
Sudhir srivastava
” शायद तु बेटी है ! “
” शायद तु बेटी है ! “
ज्योति
आज भी मुझे याद है
आज भी मुझे याद है
manorath maharaj
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
सत्यपथ
सत्यपथ
डॉ. शिव लहरी
यादों की तुरपाई कर दें
यादों की तुरपाई कर दें
Shweta Soni
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सफरनामा....
सफरनामा....
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
बारिश पर  हाइकु:
बारिश पर हाइकु:
sushil sarna
मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार
मैं जब जब भी प्यार से,लेता उन्हें निहार
RAMESH SHARMA
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
डॉक्टर रागिनी
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
Kshma Urmila
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
अंसार एटवी
हरियाली
हरियाली
Rambali Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मित्र
मित्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
*आज छठी की छटा निराली (गीत)*
Ravi Prakash
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
" जन्नत "
Dr. Kishan tandon kranti
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
ये जिन्दगी के पल मुस्कुराकर जी लो जनाब
ये जिन्दगी के पल मुस्कुराकर जी लो जनाब
Manju sagar
विनाश की ओर
विनाश की ओर
साहित्य गौरव
बदलता_मौसम_और_तुम
बदलता_मौसम_और_तुम
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय प्रभात*
आजंकल विद्वान और शिक्षित बनने पर सबको फोकस है
आजंकल विद्वान और शिक्षित बनने पर सबको फोकस है
पूर्वार्थ देव
Loading...