आजंकल विद्वान और शिक्षित बनने पर सबको फोकस है

आजंकल विद्वान और शिक्षित बनने पर सबको फोकस है
क्योंकि उसी की कीमत है पर कोई भी विद्यावान ओर
सुशिक्षित नहीं बनना चाहता है
यहीं फर्क है रावण ओर राम में
आज कल सब शिक्षित होने में लगे है सुशिक्षित नहीं
यही कहते है आजंकल पाले जा रहे है बच्चे
परवरिश नहीं हो रही।
माता पिता ओर पारिवारिक परिवेश से निवेदन बच्चों को शिक्षा के साथ सुशिक्षा भी दे। यकीन संस्कार नाम की चीजें पनपे उनके अंदर बुद्धि बल के सात व्यवहारिक, मानसिक, संस्कारिक, पारिवारिक, आध्यात्मिक गुण आए जिससे वो एक वक्त, हालात को समझ सके, उसमें चल सके और पथ पर अग्रसर हो सके मनोचित ओर शक्ति के साथ।
उनको प्रोडक्ट नहीं बनाए मार्केट ओर समाज में सर्वाइव करने वाला।
एक।मजबूत व्यक्तित्व बनाए उनको