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3 Feb 2025 · 1 min read

दर्द में रहती हो

तुम दर्द में रहती हो, कैसे मैं हंसू बोलो।
तुम बात मेरी मानो, मैं दर्द को हर लूंगा ।।

मैं तेरी तमन्ना हूं, मैं तुझ में बसता हूं ।
तुम लव तो जरा खोलो, मैं सब कुछ सुन लूंगा ।।

मैं दर्द चुरा कर के, खुशियां से भर दूंगा ।
तुम बात मेरी मानो, मैं दर्द को हर लूंगा ।।

दामन में तेरे अपना, मैं सब कुछ भर दूंगा ।
तुम विश्वास करो मुझ पर, मैं सब कुछ कर दूंगा ।।

चाहा तुम्हें ऐसे, जैसे भगवान को चाहा है ।
तुम अपने जीवन के हर कष्ट मुझे दे दो ।।

मैं खुशियों से तेरे सुन ले, दामन को भर दूंगा ।
तू मुझ बिन सब कुछ है, मैं तुझ बिन कुछ ना हू ।।

तू समझ चुकी सब कुछ, पर बात नहीं माने।
तुम दर्द में रहती हो, कैसे मैं हंसू बोलो ।।.

तू मेरी तम्मना है, बाते तो मेरी समझो।
मैं स्नेह करू इतना, तुम इतना तो जरा समझो ।

ललकार तेरे सर पर, आशीष लिए बैठा ।
तू क्यों चिंता करती, तेरे साथ हूं मैं बैठा ।।

ललकार भारद्वाज

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