तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
★ पांच लुटेरे ★
Gajanand Digoniya jigyasu
जन्में भारत भूमि पर, नारी से भगवान।
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
सोना ही रहना उचित नहीं, आओ हम कुंदन में ढलें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
गीत- तुम्हारा साथ दे हरपल...
दो नाव में रहे : हरवंश हृदय
छवि के लिए जन्मदिन की कविता
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,