Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2023 · 1 min read

क्रिसमस से नये साल तक धूम

शीर्षक – क्रिसमस से नये साल तक धूम
******************************
सच तो क्रिसमस से नये साल तक धूम मची हैं।
आज कल हम जिंदगी सोचते न समझते हैं।
हम सभी अपने अपने स्वार्थ में बस मन रखते हैं।
क्रिसमस से नये साल तक धूम हम सभी करते हैं।
दिन ठंड और कोहरे के साथ हम मस्त हो जाते हैं।
इच्छाओं के साथ साथ हम गर्म कपड़े पहनते हैं।
सेंटा क्लॉज के साथ हम सभी सेल्फी खुब लेते हैं।
हम सब यीशु के साथ कैंडल लाइट करतें हैं।
हां सच नये वर्ष के इंतजार में दिन पांच रहते हैं।
नया सवेरा नयी धूप के एक साथ हम मस्त रहते हैं।
बस शब्दों में क्रिसमस से नये साल तक धूम मचाते हैं।
तेरी मेरी चाहत और मोहब्बत का इजहार हम करते हैं।
सच और सोच ही जीवन का जुनून हम सभी जानते हैं।
आओ मिलकर क्रिसमस से नये साल तक धूम मचाते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
212 Views

You may also like these posts

नमन तुमको है वीणापाणि
नमन तुमको है वीणापाणि
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
Sudhir srivastava
"यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
दीवारों के कान में
दीवारों के कान में
Suryakant Dwivedi
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
Ujjwal kumar
" क्रीज "
Dr. Kishan tandon kranti
" विश्व शांति "
DrLakshman Jha Parimal
2668.*पूर्णिका*
2668.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"विकसित भारत" देखना हो, तो 2047 तक डटे रहो बस। काल के कपाल प
*प्रणय*
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
bharat gehlot
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
Manisha Manjari
The destination
The destination
Bidyadhar Mantry
"कितनी नादान है दिल"
राकेश चौरसिया
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
Ajit Kumar "Karn"
भूल नहीं पाये हम अभी तक
भूल नहीं पाये हम अभी तक
gurudeenverma198
इंतजार
इंतजार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
भिड़ी की तरकारी
भिड़ी की तरकारी
Pooja srijan
एक सत्य मेरा भी
एक सत्य मेरा भी
Kirtika Namdev
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
स्त्री-धरा का आधार
स्त्री-धरा का आधार
Akash RC Sharma
कर
कर
Neelam Sharma
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
.
.
Shweta Soni
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मर्यादा अब हो गई,
मर्यादा अब हो गई,
sushil sarna
Loading...