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19 May 2024 · 1 min read

स्त्री-धरा का आधार

इस धरा का आधार है स्त्री, नए सपनो की उड़ान है स्त्री
इस समाज की आन है,दो कुलो की शान है।
अंधकार भरे समाज में प्रकाश का जलता दीप है
घर को स्वर्ग बनाने का यही एक प्रतीक है
जिसमे सीता सा धैर्य है,सावित्री सा विश्वास
जिसकी तपस्या के आगे झुक गए यमराज
जो इस सृष्टि को नया आयाम देती है,तुम्हारे लिए अपने सपने त्याग देती है।
मै त्याग की उस देवी को शब्दो से शीश नवाता हूं
स्त्री बिना समाज नही बस इतना कहना चाहता हूं।
Akash RC Sharma ✍️ ©️

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