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21 Nov 2017 · 1 min read

किस्मत

सुन,लगी है फिर से रेस,मुझमें और मेरे हालात में।
देखो बैठी है मेरी किस्मत लगाकर अचूक घात में।
मैं तो उलझनों से उभरने का खोज रही थी मौका
देकर मुझे फिर से पटकनी, भाग्य ने मारा है चौका
नीलम शर्मा

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