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22 Nov 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुझको याद फिर तेरा जमाना आ रहा है!
मुझको याद फिर तेरा फसाना आ रहा है!
चाहत की मदहोशी से जागी है तिश्नगी,
मुझको याद तेरा मुस्कुराना आ रहा है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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