Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

प्रश्न

एक गूंगा प्रश्न कुछ कर गया
रिक्तता के एकांत को भर गया ।

स्मृति कुहासे में लिपटी रही
वो थाम हाथ मेरे घर गया ।

बाहर से अधिक भीतर घटा है
आईने का लांछन कि मर गया ।

शांत समंदर की उथल-पुथल से
कहानी का शीर्षक बदल गया ।

संधि को बैठा है तैयार मन
लिख जटिल अंत मगर गया ।

Language: Hindi
1 Like · 124 Views
Books from Shally Vij
View all

You may also like these posts

रोक लें महाभारत
रोक लें महाभारत
आशा शैली
बरसात
बरसात
Ashwani Kumar Jaiswal
মা মা বলে তোমায় ডেকে ( মনসা সঙ্গীত )
মা মা বলে তোমায় ডেকে ( মনসা সঙ্গীত )
Arghyadeep Chakraborty
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
5 किलो मुफ्त के राशन का थैला हाथ में लेकर खुद को विश्वगुरु क
शेखर सिंह
पदावली
पदावली
seema sharma
रंगमंच
रंगमंच
Ritu Asooja
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
Deepesh Dwivedi
भूख 🙏
भूख 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यथार्थ
यथार्थ
Dr. Rajeev Jain
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
चुनाव के बाद अयोध्या
चुनाव के बाद अयोध्या
Sudhir srivastava
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
Shweta Soni
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
Atul "Krishn"
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अवध किशोर 'अवधू'
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
shabina. Naaz
यह तो सब नसीब की बात है ..
यह तो सब नसीब की बात है ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिस नई सुबह ने
जिस नई सुबह ने
PRADYUMNA AROTHIYA
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
प्रेम के मनचले स्वर
प्रेम के मनचले स्वर
aestheticwednessday
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
Sonam Puneet Dubey
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
sudhir kumar
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
Kanchan Gupta
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"हार और जीत"
Dr. Kishan tandon kranti
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
Loading...