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18 Aug 2024 · 1 min read

हज़ल

बीवी ने ऐसी धुनाई की थी साड़ी देखकर
डॉक्टर हैरां हुआ था मेरी नाड़ी देखकर

गिफ्ट कोई गर न दूँ तो चंडी बन जाती है वो
छुपना पड़ता घर के पीछे कोई झाड़ी देखकर

सोचता हूँ वो अगर होती बसंती दोस्तों
बीरु बनके गीत गाता मालगाड़ी देखकर

टूट कर मैं रह गया सह के बीवी के सितम
कूद जाऊँ दिल करे ऊँची पहाड़ी देखकर

भेज दूँ मैके उसे और फिर न लाऊँ घूमकर
या बदल डालूँ उसे कोई कबाड़ी देखकर

दर्जनों बच्चों की टोली चिल्ल पों करती सदा
मैं रहूँ चुप सिर्फ़ ये ही खेतीबाड़ी देखकर

भाग जाऊँ घर से प्रीतम मोहमाया त्याग कर
या कि मैं दे दूँ सुपाड़ी पानवाड़ी देखकर

प्रीतम श्रावस्तवी

Language: Hindi
131 Views
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