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21 May 2024 · 1 min read

पहली चाय

माँ जैसा ही हुनर हो
इसकी शुरूआत हुई रसोई से
और रसोई में घुसते सबने कहा
जरा चाय बनाना।

चाय का रेसिपी तब यही समझा
एक कप दूध ,एक कप पानी
दो चम्मच चीनी एक चम्मच चायपत्ती
और धीमी आँच पर उबालते जाना।

पहली चाय माँ ने चखी
और कहा,थोड़ा धैर्य रख चाय बनाओ
धीमी आँच पर उस चाय को
खूब तुम पकाओ
रंग निखरेगा,स्वाद बढ़ेगा और तारीफ मिलेगा।

जिंदगी की चाय भी कुछ यूँ बनती है
धैर्य से संघर्षों का सामना कर
वह खूब निखरती है।
और जब यह निखरती है
होठों पर मुस्कान बन ठहरती है।

Language: Hindi
141 Views
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