Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2021 · 1 min read

बकरा जे कटवइबऽ तू

बकरा जे कटवइबऽ तू
■■■■■■■■■■
हमरा से बोलीं समधी जी गलती कवन भइल
जवना कारन कइले बानी रउवा मनवा मइल
कहलें समधी सुन लीं कवनो बात न बाटे खास
मास खिआवे के कहनी बनववले बानी घास
येही से कुछ मांसाहारी लोग बाटे गुरनात
बात भइल तऽ बात निभइतीं काहें कइनीं घात?
साँच कहीले रउवा बाटे सगरी दोष हमार
बकरा तऽ हम येही खातिर बन्हले रहनी चार
बाकिर बेटी जवन रउवा घर के बनी सिंगार
बतिए अइसन कहलसि गइनी हम ओकरा से हार
कहलसि हे बाबूजी सुन लऽ बकरा जे कटवइबऽ तू
धरम बियाह में अधरम कऽ के हमरे भागि जरइबऽ तू
श्लोक येने पढ़ल जाई ओने मास खिअइबऽ तू
देवता लो का आई येइजा उल्टे पाँव भगइबऽ तू
जवना अच्छत से दुवारि के बाबूजी पुजवइबऽ तू
ओही अन्न देव के कइसे मासे में सनवइबऽ तू
शुभ विवाह लिखववले बाड़ऽ अउरी कतल करइबऽ तू
मरल मुँह कइसन लागेला हमके तनी बतइबऽ तू
येतनो कहला पर सुन लऽ जे मास अगर बनवइबऽ तू
ये ससुरारी जाइबि ना हम ओ ससुरा पहुँचइबऽ तू
सुनले बतिया समधी के तऽ लोर झोर हो गइलें ऊ
गज भर सीना भइल बहू अइसन पा के अगरइलें ऊ

– आकाश महेशपुरी

1 Like · 1 Comment · 442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
#बेटियां #(मेरा नवीन प्रयास सयाली छंद मे)
#बेटियां #(मेरा नवीन प्रयास सयाली छंद मे)
पं अंजू पांडेय अश्रु
उलझी  उलझी  सी रहे , यहाँ  वक़्त की डोर
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
Dr Archana Gupta
पूजा
पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरे पास नींद का फूल🌺,
मेरे पास नींद का फूल🌺,
Jitendra kumar
दोहा
दोहा
n singh
उसने पहाड़ होना चुना था
उसने पहाड़ होना चुना था
पूर्वार्थ
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
बात चली है
बात चली है
Ashok deep
तुम ही हो मेरी माँ।
तुम ही हो मेरी माँ।
Priya princess panwar
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है
अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है
Buddha Prakash
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
रात
रात
sushil sarna
वक्त
वक्त
Prachi Verma
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
कौन हुँ मैं?
कौन हुँ मैं?
TARAN VERMA
■ ताज़ा शेर ■
■ ताज़ा शेर ■
*प्रणय प्रभात*
मित्र का प्यार
मित्र का प्यार
Rambali Mishra
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़.
क्या होता है क़ाफ़िया ,कहते किसे रदीफ़.
RAMESH SHARMA
ई आलम
ई आलम
आकाश महेशपुरी
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
manjula chauhan
वंदन नेता जी करें,
वंदन नेता जी करें,
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- अरमानों का जलना -
- अरमानों का जलना -
bharat gehlot
बाकी है...!!
बाकी है...!!
Srishty Bansal
कविता
कविता
Nmita Sharma
Loading...