मनोज कर्ण Tag: कविता 299 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 30 Apr 2025 · 1 min read देश.. धर्मशाला बा..? *देश धर्मशाला.. बा ?* का बा का बा करते थे, हर समय चिल्लाते थे.. आरडीएक्स कहां से आया..? आरडीएक्स कहां से आया..? अब तो हो न... अचंभित..! सैयां बसे उस... Hindi · कविता 2 34 Share मनोज कर्ण 26 Apr 2025 · 1 min read प्रारब्ध नहीं मिट पाता है.. प्रारब्ध नहीं मिट पाता है.. संचित कर्मों के फल से ही जीवन का सुख दुःख आता है , कर लो यदि लाख चतुराई तुम ये प्रारब्ध नहीं मिट पाता है..... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Hindi_poetry_हिंदी_कविता · कविता 2 47 Share मनोज कर्ण 13 Apr 2025 · 1 min read शोषित वंचित कौन है..? शोषित वंचित कौन है..? शोषित वंचित रटते रहे लेकर अधूरा ज्ञान शोषित वंचित कौन है इसका भी नहीं पहचान.. शोषित वंचित कौन है, इसका भी नहीं है ज्ञान कहते हैं... Hindi · अनुच्छेद २८ · अनुच्छेद ३० · कविता · काव्य रचना · हिन्दू संस्कृति 2 200 Share मनोज कर्ण 15 Mar 2025 · 1 min read माता हिंगलाज भवानी जय जय माँ हिंगलाज भवानी जय जय माता हिंगलाज भवानी सिद्ध शक्ति पीठ है बहुत पुरानी , बलूच प्रांत के दुरुह गुफा में रहती कहते हैं सब तुझे हज की... Hindi · कविता · भजन · शक्ति पीठ बलुचिस्तान · हिंगलाज माता · हिन्दुस्तान के शक्ति पीठ 3 97 Share मनोज कर्ण 12 Mar 2025 · 1 min read अनीति का प्रचार *अनीति का प्रचार* ~~°~~°~~° अनीति का प्रचार व्यापार बने फिर प्रलयकाल का यह आमंत्रण होगा, ब्रह्मांड के अविरल कालखंड पर यह विध्वंस का मौन अभ्यर्थन होगा.. साड़ी में लिपटी सनातन... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अनीति का प्रचार · कविता 2 258 Share मनोज कर्ण 9 Mar 2025 · 1 min read रस भाव आस्वादन रस भाव आस्वादन ~~°~~°~~° रस भाव आस्वादन करते, गायक कवि महान प्रेम घृणा द्विभाव मूल में,अन्य है संतति समान श्रृंगार, भक्ति वात्सल्य रस,प्रेम से उपजा जान प्रेम घृणा ही रस... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · मुक्तक काव्य · रस भाव आस्वादन 3 254 Share मनोज कर्ण 6 Mar 2025 · 1 min read वसंत संदेश वसंत संदेश ~~°~~°~~° माया का विस्तार अनंग अनुषंगी वसंत है, कामदेव सेनापति है इसके वासना दुष्यंत है.. मंद मंद मुस्कान लिए वनतोषिणी के लावण्य रुप, शकुन्तला के मधुर अधर पलाश... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · वसंत गीत · वसंत संदेश 3 2 1k Share मनोज कर्ण 2 Mar 2025 · 2 min read स्वामी श्रद्धानंद स्वामी श्रद्धानंद ~~°~~°~~° राॅलेट एक्ट का काला कानून सत्याग्रह की पुनः शुरुआत हुई थी , स्वामी श्रद्धानंद शामिल हुए इसमें जन आंदोलन अवदात हुई थी.. जोश जुनून भीड़ उमड़ी थी... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · स्वामी श्रद्धानंद 3 253 Share मनोज कर्ण 27 Feb 2025 · 2 min read सती सावित्री *सती सावित्री* (भारतीय नारी विभुतियां) कहां ले जा रहे हो यमराज तुम मेरे पतिदेव का हर कर के प्राण, जीते जी मैं मर ही तो जाऊँगी पतिदेव के बिना,मैं भी... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · भारत की नारी विभुतियां · सती सावित्री 3 2 786 Share मनोज कर्ण 25 Feb 2025 · 2 min read माता अनुसूया माता अनुसूया के सतीत्व से सकल ब्रह्मांड दीप्तिमान है दिव्य तेज चहुंओर फैला सभी जीव करते गुणगान है सतीत्व का दमक देखकर व्याकुल हुई त्रिदेव पत्नियाँ कहती है फिर पतिदेव... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · माता अनुसूया 3 537 Share मनोज कर्ण 22 Feb 2025 · 1 min read महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों..? *महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों..?* हिन्दुत्व में जिसे आस्था नहीं है, महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहते। स्वछंदता अभिव्यक्ति का मिला है, अपमानित वो हिन्दू को करते.. पुरातन पौराणिक ये परम्परा है, प्रतिवाद... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · महाकुंभ 2025 · महाकुंभ का प्रतिवाद क्यों · महाकुंभ प्रयागराज 3 327 Share मनोज कर्ण 20 Feb 2025 · 1 min read त्रेता के श्रीराम कहां तुम... *त्रेता के श्रीराम कहां तुम...* त्रेता के श्रीराम कहां तुम फिर से तो धरा पर आ जाओ कलियुग कल्प हुआ अति दुष्कर तुम देर ना अब लगा जाओ... त्रेता के... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · कविता_गीत · भजन · रामभक्ति 2 97 Share मनोज कर्ण 9 Feb 2025 · 1 min read चलो चलते हैं धरा पर... चलो चलते हैं धरा पर... अथश्री..... श्री गणेशाय नमः... चलो चलते हैं धरा पर, वहाँ मनुज ने हमें बुलाया है, मिलन है दो दिलों का जो,मंडप भी भव्य सजाया है।... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · चलो चलते हैं धरा पर · जय-श्री-गणेश 3 209 Share मनोज कर्ण 3 Feb 2025 · 2 min read ये भारत न रहा.. ये भारत न रहा.. वीणापुस्तकधारिणी श्वेतपद्मासना माता , निसर्ग नीर गालों पर नयनों से टपकता। कहती है पुत्र,ये तत्परता ये सजावट कैसी, जब श्रद्धाभाव नहीं हो, तेरे मन में बसता।... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · ये भारत न रहा · संस्कृति का अवमूल्यन 4 213 Share मनोज कर्ण 2 Feb 2025 · 1 min read सरस्वती वंदना सरस्वती वंदना करुँ करबद्ध प्रणाम ज्ञानदा शब्दों मे भर दे जान ज्ञानदा अंतस मे हो प्रकाश दिव्यतम् जगमग ज्योति प्राण ज्ञानदा ... करुँ करबद्ध प्रणाम ज्ञानदा... नव वसंत नवल प्राण... Hindi · कविता · कविता_गीत · माँ सरस्वती · माँ सरस्वती पर कविता · शारदा वंदन 3 174 Share मनोज कर्ण 25 Jan 2025 · 2 min read हे गृहस्थ..! हे गृहस्थ ! (छंदमुक्त काव्य) ::::::::::::::::::: हे गृहस्थ ! मन मलीन क्यों है तेरा, नस खींचना नहीं है तुझे नागा साधुओं की तरह , और न ही जीते जी पिंडदान... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · छंदमुक्त काव्य · हे गृहस्थ 4 417 Share मनोज कर्ण 19 Jan 2025 · 4 min read गोपी श्रीकृष्ण संवाद *गोपी श्रीकृष्ण संवाद* :::::::::::::&::::::::::::: श्रीकृष्ण एवं श्रीमती राधाजी संग गोपियों का निर्मल प्रेम पूरे ब्रह्माण्ड को दीप्तिमान कर रहा है , इनके प्रेम में संयोग जितना आनंदायक है , विरह... Hindi · कविता · कविता_गीत · कृष्ण भजन · गोपी श्रीकृष्ण संवाद · नृत्य नाटिका 3 591 Share मनोज कर्ण 17 Jan 2025 · 1 min read त्रिविध ताप त्रिविध ताप देखि,मनु मगु हारे मिलत मधुबन नहिं,मन कारे कारे.. माया मोहित मन,संतप्त क्यों, उबरे हैं जब सबहिं राम से, आजा तू भी राम दुआरे... त्रयताप कृत, तप्तजीवन मन हारे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · काव्य · त्रिविध ताप 4 186 Share मनोज कर्ण 13 Jan 2025 · 1 min read संत बनाम कालनेमि *संत बनाम कालनेमि* सुलभ सत्संग सुखद फलदाई कलियुग कल्प सत्यपि दुखदाई.. भेद परख नहिं ज्य़ौं संत कालनेमि पहचान करत है अति कठिनाई.. राम-रहीम अविमुक्त कभी ईश्वर न पाई ज्ञान-वैराग्य किछु... Hindi · कविता 4 98 Share मनोज कर्ण 30 Dec 2024 · 1 min read आलस्य का क्यों पीता जहर समय बहुत बलवान है, इसकी महत्ता, हम समझेंगे कब.. तन मन के लिए, यदि बिस्तर बड़ा, तो आलस्यपन को, हम छोड़ेंगे कब.. सूरज उगा पूर्व ,पीला चाँद सा, फिर नारंगी... Hindi · आलस्य · आलस्य का क्यों पीता जहर · कविता · गीत 3 620 Share मनोज कर्ण 25 Dec 2024 · 2 min read कुम्भाभिषेकम् कुम्भाभिषेकम् अमृतकलश का वो एक घट रणक्षेत्र बना था सिंधु तट... लाज रखने सत्य धर्म का युद्ध हो रहा था अति विकट... छलके नहीं एक बुंद अमृत शशिदेव पकड़े थे... Hindi · कविता · कविता गीत शायरी गजल · कुम्भाषिकेम् · महाकुंभ 2025 · महाकुंभ प्रयागराज 4 1k Share मनोज कर्ण 20 Dec 2024 · 1 min read एक नज़्म :- ईर्ष्या की आग एक नज़्म :- ईर्ष्या की आग गैरों से अदा अपनो से जलन, होती क्यों है, ईर्ष्या की आग में ये दिल, सुलगता क्यों है.. बन जाती है शबनम भी, संग... Hindi · ईर्ष्या की आग · कविता · नज़म 3 186 Share मनोज कर्ण 30 Nov 2024 · 1 min read तारा टूटा तारा टूटा ******* ख़्वाब लिए एक तारा टूटा, जाकर दिल पर जा अटका.. आसमान से टूटा था वो, जाकर धरा पर आ खिसका.. जिसने उसको टूटते देखा, उसके दिल पर... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 3 2 300 Share मनोज कर्ण 29 Nov 2024 · 1 min read पवन संदेश पवन संदेश सहलाये पवन, इठलाये पवन पर मन को क्यूँ नहीं भाये पवन.. कोमलता का एहसास लिए मन को क्यों चुभ जाए पवन.. भरी दोपहरी छांव तले बैठा है पथिक... Hindi · *प्राकृतिक संगीत* · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · पवन संदेश 3 328 Share मनोज कर्ण 22 Nov 2024 · 1 min read मनोव्यथा *मनोव्यथा* कैसा ये स्पर्श,तन को नहीं छुआ तूने, पर दिल को तो झकझोर दिया _ है सारी दुनियां अब एक तरफ, पर मैंने अपना मुंह तो मोड़ लिया _ तरंगे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता · मनोव्यथा 3 2 233 Share मनोज कर्ण 14 Nov 2024 · 1 min read कर्मफल का सिद्धांत हुनर सड़कों पर जहाँ तमाशा किया करते हैं किस्मत महलों में क्यूँ राज किया करते हैं... कर्मों के हिसाब से सजता है प्रारब्ध सबका जिसकी अनदेखी हम आज किया करते... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कर्मफल का सिद्धांत · कविता 2 317 Share मनोज कर्ण 20 Oct 2024 · 1 min read लम्हे पुराने दिल की गहराईयों में तुम रहो इतना , विश्वास कभी मन का दरकने नहीं पाये... रंज और रंजिशों का न हो गुजारा यहां , तेरा मुखड़ा ही हर पल मुझे... Hindi · कविता · लम्हे पुराने 2 192 Share मनोज कर्ण 14 Sep 2024 · 1 min read पितरों का लें आशीष...! पितरों का लें आशीष सदा हम, जो काम बहुत ही आते हैं । कर्मपथ यदि बाधित हुआ तो, सपनों में फिर वो आ जाते हैं। मातु-पिता अनुराग हृदय हो, फिर... Hindi · कविता · पितरों का लें आशीष · पितरों पर कविता · पितृ पक्ष 2 175 Share मनोज कर्ण 1 Sep 2024 · 2 min read वो अब नहीं आयेगा... वो अब नहीं आयेगा... वो अब नहीं आयेगा , बिल्लू, मोटी पूंछ वाला। मार डाला है कुत्तों ने मिलकर, वो कभी नहीं आयेगा । पीला भूरा बदन नीली आंखों वाला,... Hindi · अब नहीं आयेगा · कविता · बिल्लू 3 236 Share मनोज कर्ण 7 Jul 2024 · 1 min read रमन्ते सर्वत्र इति रामः रमन्ते सर्वत्र इति रामः देख, देख, तू देख ले बंदे, फिर से अरि ललकारा है, कहता राम जब आये मंदिर, अयोध्या फिर,तू क्यूँ हारा है। सहिष्णुता की भी सीमा होती,... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 4 2 371 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य मंथन सत्यमंथन झूठ की तारीफ और सत्य का उपहास, प्रचलन बना,.. क्यूँ दोस्तों..? झूठ का सामना यदि,सत्य से होता यहाँ पर , सत्य का दामन नहीं फिर कोई थामता .. क्यूँ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य मंथन 7 197 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य,”मीठा या कड़वा” सत्य,”मीठा या कड़वा” (छन्दमुक्त काव्य) सत्य बहुत मीठा होता है, यदि खुद महसूस करें तो, अन्यथा दूसरों को इसका एहसास कराना, या दूसरे से इसका एहसास पाना दोनों ही, बहुत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · छंदमुक्त काव्य · सत्य की खोज 6 200 Share मनोज कर्ण 7 Mar 2024 · 1 min read सूखी नहर सुखी नहर_ वो नहर यादों का गुलदस्ता लिए : अविचल आज भी खड़ी है_ मगर सूखी पड़ी, टकटकी लगाए मौन पीड़ा लिए कह रही हो, कहाँ गए मेरे नयन प्रिय... Hindi · कविता · छन्दमुक्त काव्य · सूखी नहर 5 427 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2024 · 1 min read यशस्वी भव यशस्वी भव ~~°~~°~~° तिमिर घनेरा चीर पथिक तू , निकला लक्ष्य अडिग था पथ पर। मर्म तेरा अब वो क्या जाने, जख्म जिसे नहीं लगता दिल पर। रातें काटी गिन-गिन... Hindi · कविता · क्रिकेटर · यशस्वी जायसवाल · यशस्वी भव 4 2 412 Share मनोज कर्ण 18 Feb 2024 · 1 min read किसान आंदोलन किसान आंदोलन ~~°~~°~~° किसान बिल था अति सुखदाई, खुला बाजार मिलता भरपाई। स्थिर रहता बाजार मूल्य भी, नियंत्रित होता सदा महंगाई... समर्थन मूल्य तेईस फसलों का, भाता नहीं तुझको हरजाई।... Hindi · कविता · किसान आंदोलन 2 729 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read चरम सुख चरम सुख (छंदमुक्त काव्य) दैहिक चरम सुख और ब्रह्मस्वरूप परमानन्द, चिरत्व किसमें है... वही बता सकेगा न भला जिसने बारी बारी से दोनों का अनुभव किया है । तुलना तो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 2 1k Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read हार फिर होती नहीं… हार फिर होती नहीं… ~~°~~°~~° मन ठान ले यदि जीत है , तो हार फिर होती नहीं… सोचता है मन यदि , पर्वत शिखर की ऊचाईयाँ। यदि देखता समुन्दर निकट... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 208 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वासना और करुणा वासना और करुणा ~~°~~°~~° साथ-साथ रहती दो बहना, एक वासना दूजा करुणा। वासना तन को दग्ध करती , विक्षिप्त मन कर कामाग्नि सुलगाती। मधुप मृदुल आघात करके, विकल मन में... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 204 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read हिन्दुत्व, एक सिंहावलोकन हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन ~~°~~°~~° अतीत की स्मृतियों से , अश्कों के अल्फाज पुछते हैं। खता तो दुश्मनों ने की थी , पर मेरे क्यूँ जख्म गहरे हैं। बटी थी हिन्द की... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 186 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 247 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read बारिश बारिश ~~°~~°~~° उम्मीद का बादल अधर में, पर बारिश कहाँ है, कहाँ चैन दिल में। मैल मन का धुलता यदि न , होता है फिर सुर्ख़ नैन तन में। नीर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 2 185 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कला कला कला बिना जग सूना लागे , मानव,पूंछहीन पशु के है समान , ज्ञान यदि पहचान दिलाता , कला ही है जो देता सम्मान। कला से विकृति को ढक लो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 248 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read आरंभ आरंभ आरंभ यदि मन से करे तो , सभी कारज पूर्ण हो जाएंगे। संकल्प यदि दृढ़ साथ लगा ले , असफलता कभी न आयेंगे। विश्वास हो,मन में आस का सदिखन... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 175 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read अनहद नाद अनहद नाद अनहद नाद की प्यासी है श्रुतिपुट… अनन्त शून्य की ऊचाईयों से, समुन्दर की गहराईयों तक । अनंत शब्दों का नाद सुना मैंने, पर मन को न भाया कोई... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 259 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! नमन तुझे, माँ नमन तुझे!! जीवन के संतापो को करे नाश, क्षुधा,पिपासा सब करे शांत, वो कल्पवृक्ष गायत्री तुम हो। मिटाकर अज्ञान... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 180 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कर्मफल कर्मफल “” “” “” कर्मफल में आसक्त मनुज, इंसाफ नहीं कर पाता है। अपने ही अंतर्मन से वो, बार-बार घबराता है । कहता है मन, उस नर का, मुझे खुली... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 235 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read शाकाहार बनाम धर्म शाकाहार बनाम धर्म ~~°~~°~~° शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा दया करूणा से ही... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 188 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 183 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read त्याग त्याग कर्म तो कभी तज सकते नहीं, कर्मफल का त्याग करो बंदे । अंतकाल राम मुख आवत नाहिं , पहले से राम जपो बंदे… इच्छाएँ अनंत,तेरे वश में नहीं ,... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 251 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read निर्गुण सगुण भेद निर्गुण सगुण भेद ~°~°~°~°~ जब चक्षु विकल हो सकल प्रेम को… तब निर्गुण सगुण भेद मिट जाता है। निराकार जब साकार ब्रह्म, बनकर प्रियतम छा जाता है। ऊर्जा का संचार... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 201 Share Page 1 Next