स्वामी श्रद्धानंद

स्वामी श्रद्धानंद
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राॅलेट एक्ट का काला कानून
सत्याग्रह की पुनः शुरुआत हुई थी ,
स्वामी श्रद्धानंद शामिल हुए इसमें
जन आंदोलन अवदात हुई थी..
जोश जुनून भीड़ उमड़ी थी
अंग्रेजों ने देखा जब जुलूस ,
दिल्ली के चांदनी चौक पर
चलने को तैयार बंदूक कारतूस..
सहसा एक संन्यासी आया
गेरुआ वस्त्र तन में पहनकर ,
खोल दिया छाती को अपना
कहा चलाओ गोली मुझ पर..
अंग्रेजों की तब बंदूके झुक गई
वंदे मातरम् गुंजायमान हुआ ,
ललकार सुनकर भागे थे गोरे
केसरिया जमीं-आसमान हुआ..
वो कोई संन्यासी मात्र नहीं था
शूरता का वो शान था ,
मां भारती सदा कहती है
देश का वो सम्मान था..
नाम था उसका श्रद्धानंद
सुना है यदि नहीं तुमनें ,
तो फिर लानत है तुझपर
कैसा इतिहास पढ़ा तुमनें..
मार काट मची थी वतन में
हिन्दू होना एक गुनाह था ,
धर्म बदलते लोगों को
उसने ही दिया पनाह था..
घर वापसी का दरवाजा खोला
शुद्धि आंदोलन था जोरों पर ,
अपनो ने जब दगा किया हो
तो हम दोष क्यों दे औरों पर..
हत्यारे अब्दुल रशीद को
गांधीजी ने अपना भाई कहा,
छल किया जो विधर्मियों ने
किसी ने भी,ना दुखदाई कहा..
चुनौती देकर मैकाले की शिक्षा को
गुरुकुल आर्य पद्धति स्थापित किये,
अस्पृश्यता का अंत किया था आपने
भेदभाव का यहां से तिरोहित किये..
हरिद्वार में विश्वविद्यालय सुहृद
गुरुकुल कांगड़ी शुभारंभ किये,
रहे विरत क्रोध कपट कटुता क्लेश से
आप कभी ना कोई दंभ किये..
सर्वस्व न्योछावर किया था जिन्होंने
गौरवगान उनका हम नहीं करते,
जिन्होंने घात किया हिन्दूत्व पर
उसका ही गुणगान किया करते..
सनातन धर्म के प्रखर प्रहरी को
शुभस्मृति से तुम ना,भूला देना,
प्रदीप्त करने चेतना पुरातन
तुम एक दीपक जला देना..
मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
©® मनोज कर्ण
कटिहार (बिहार)
तिथि –०२/०२/२०२५
फाल्गुन ,शुक्ल पक्ष ,तृतीया तिथि,रविवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ईमेल पता – mk65ktr@gmail.com