Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
1 Apr 2024 · 1 min read

एकाकीपन का सच*

सरल नहीं एकाकी जीवन।
सूना सूना सा मन उपवन।।
एकाकीपन सदा खटकता।
दो का साथ मधुर सा लगता।।

व्यक्ति सदा प्राणी सामाजिक।
नीरस जीवन यदि वैयक्तिक।।
मानव को प्रिय साथ चाहिए।
मनमोहक दिलदार चाहिए।।

सतत अकेलापन खलता है।
व्यक्ति व्यक्ति से मिल खिलाता है।।
राह नहीं कटती है तबतक।
नहीं हमसफ़र मिलता जबतक।।

एकाकीपन मन का मतलब।
मायूसी का दिखता करतब।।
मर जाता उत्साही मन है।
थक जाता अति जल्दी तन है।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

Loading...