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10 Feb 2024 · 1 min read

यादो की चिलमन

यादो की फिर दौड चली है रेल
मुस्कान कभी अश्क की रेलमपेल

कद से ऊंची साइकिल की सवारी
हवाई उडान मे भी उसकी याद भारी

डबल बेड के मोटे गद्दो की क्या है कोई बिसात
छत पर दरी पे लेटे , क्या खूब थी तारे गिनने की क्लास

पेड पे हाथ बढाके तोडे थे जो अमरूद जामुन
बालकनी के गमलो को पानी देते कैसे हो मालूम

ट्रांजिस्टर पर पूरा घर जब सुनता था गीत माला
हेडफोन को कान मे धर भूला “शिष्य” ओटीटी वाला

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

Language: Hindi
3 Likes · 215 Views
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