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17 Nov 2024 · 1 min read

चौपाई छंद गीत

चौपाई छंद गीत—-
16/16 मात्रा
सृजन पंक्ति- कर्म जगत में कर ले ऐसा l

जीवन चमके हीरे जैसा ।
कर्म जगत में कर ले ऐसा ।।

संग न कौड़ी भी है जाती।
माया ही मन को भरमाती ।।
करते क्यों हो पैसा पैसा ।
कर्म जगत में कर ले ऐसा ।।

करते रहते जग से धोखा।
भगवन रखते लेखा जोखा ।।
मानुष तन है पारस वैसा ।
कर्म जगत में कर ले ऐसा ।।

प्रेम भाव मे हृदय लगा ले ।
गीत भक्ति के बस तू गा ले ।।
समय न जाने आये कैसा।
कर्म जगत में कर ले ऐसा ।।

कर्म कभी नहिँ निष्फल जाता ।
करनी का फल आगे आता ।।
मिलता है जैसे को तैसा ।
कर्म जगत में कर ले ऐसा ।।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

1 Like · 86 Views
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