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8 May 2024 · 1 min read

सुख दुख

सुख दुख
सुख दुख तो आते जाते हैं जीवन में…
फर्क पड़ता है तो बस इतना
कुछ दुख देते हैं दर्द कुछ पल का
और कुछ दुखों को पड़ता है जिंदगी भर भुगतना।
रोशनी है चारों ओर…
हजारों मुस्कानों की इस महफिल में
किसी का रोना सुनाई देता है।
दिल के सभी अरमां …
हाथों से रेत की तरह जाते हैं
दिन भर मेहनत करने वाला
रात को चैन की नींद सोता है
पर किसे खबर इस बात की
कि दिनभर हंसने वाला
रात की तन्हाई में कितनी बार रोता है।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

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