Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

संसार एक जाल

“संसार एक जाल”
चारों तरफ फैली हुई धोखेबाजी और मक्कारी है,
भोले भाले लोगों को लूटना इनकी कलाकारी है।
सोच समझ करो भरोसा आज के तुम इंसानों पर,
न जाने कब फेर दे पानी वो तुम्हारे अहसानों पर।
जरूरतमंद जान तुम जिसका भला करने जाओगे,
हो सकता है उसी के हाथों तुम ठग लिए जाओगे।
चाहे हो कोई पड़ोसी या कोई तुम्हारा नाते रिश्तेदार,
भरोसा करने से पहले तुम अच्छे से कर लो विचार।
बेईमानी और जालसाजी का चारों ओर है बोलबाला,
इनके चक्कर में फंसकर लूट रहा इंसान भोलाभाला।
कोई किसी और की प्रॉपर्टी अपनी बताकर बेच रहा,
नौकरी दिलाने वादे करके कोई झूठे सपने बेच रहा।
सोशल मीडिया में कोई सुंदर लड़की बन लूट रहा,
इनके झांसे में फंसकर अपने पैसों से नाता टूट रहा।
आधुनिक युग में तो ठगी भी ऑनलाइन होने लगी,
लूटी जा रही भोली जनता इन्हें लगती है दिल्लगी।
ओटीपी पिन बताकर लोगों के खाली होते खाते,
माथा पकड़ रोते फिरते अपने भोलेपन पर पछताते।
आज की दुनिया में चारों ओर फैला ये मकड़जाल,
धोखे से बचने समझो तुम संसार को एक जाल।
सावधानी और सतर्कता ही इनसे बचने के हथियार हैं,
नहीं रहे तुम जागरूक तो समझो तुम्हारा बेड़ा पार है।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़

1 Like · 195 Views

You may also like these posts

ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
Shweta Soni
नई दृष्टि
नई दृष्टि
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
प्रश्न जन्माष्टमी
प्रश्न जन्माष्टमी
Nitin Kulkarni
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
कमबख्त़ तुम याद बहुत आती हो....!
कमबख्त़ तुम याद बहुत आती हो....!
singh kunwar sarvendra vikram
■ क्यों ना उठे सवाल...?
■ क्यों ना उठे सवाल...?
*प्रणय*
3130.*पूर्णिका*
3130.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे लौट जाने के बाद
तुम्हारे लौट जाने के बाद
Saraswati Bajpai
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
Ranjeet kumar patre
” एक मलाल है “
” एक मलाल है “
ज्योति
दिल धड़कने लगा...
दिल धड़कने लगा...
Manisha Wandhare
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
gurudeenverma198
"बल और बुद्धि"
Dr. Kishan tandon kranti
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
श्री राधा !
श्री राधा !
Mahesh Jain 'Jyoti'
वो आया
वो आया
हिमांशु Kulshrestha
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
पूर्वार्थ
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
मोहब्बत कि बाते
मोहब्बत कि बाते
Rituraj shivem verma
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
ये और मैं
ये और मैं
Sakhi
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
मेंने बांधे हैं ख्बाव,
मेंने बांधे हैं ख्बाव,
Sunil Maheshwari
पीरियड्स
पीरियड्स
Ritesh Deo
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
पंकज परिंदा
तुम हो तो....
तुम हो तो....
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...