संजीव शुक्ल 'सचिन' Language: Hindi 827 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Apr 2022 · 1 min read देखो! पप्पू पास हो गया देखो! पप्पू पास हो गया। ________________________ घर बाहर अब खास हो गया। देखो! पप्पू पास हो गया। मम्मी पापा को वह भुला। चला ब्याहन बना वो दूल्हा। सास ससुर का... Hindi · कविता 2 842 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Apr 2022 · 1 min read स्वागत गीत आप सभी को हिंदू नूतन वर्ष एवं वासंतिक नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं _______________________________________________ वर्ष का आरंभ है नवरात्रि का आरंभ आगत। मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल... Hindi · गीत 1 627 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Apr 2022 · 1 min read वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी। #बहुत_दिनों_बाद_पुनः_एक_गीत_आप_सभी_के_समक्ष ~~~~~~~~~~~~~|||||||||||~~~~~~~~~~~~ वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी। जन्म लेकर कोख से ही और उस पर वार करना,... Hindi · गीत 3 2 521 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Mar 2022 · 1 min read दर्द की भावना से ग्रसित मीत तुम,जिंदगी की गिरह खोलते क्यूँ नहीं..!! प्रदत्त पंक्ति- दर्द की भावना से ग्रसित मीत तुम,जिंदगी की गिरह खोलते क्यूँ नहीं। ____________________________________________ प्रेम मेरा तुम्हें लग रहा छल- कपट, प्रीत निज का भला तौलते क्यूँ नहीं। दर्द... Hindi · गीत 1 668 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Mar 2022 · 1 min read मोह बंधन मोह बंधन बने सब संत के जैसा , लगे दुनिया भी मनभावन। नहीं हो मोह का बंधन , तभी जीवन सरस पावन।। हृदय में है छुपा सबके , पाप अरु... Hindi · गीत 1 514 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Jan 2022 · 1 min read महत्व गीतों का महत्व गीतों का ________________ निरसता एकरसता का जो, पल दो पल में क्षरण करे| गीत वहीं जो हर्ष बोध का, मन भीतर ही वरण करे|| जीवन की अनुभूति व्यञ्जना, है... Hindi · गीत 1 587 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Jan 2022 · 1 min read #जन_गण_मन_की_बात_करो_मत,#करनी_है_जब_मक्कारी!! #जन_गण_मन_की_बात_करो_मत,#करनी_है_जब_मक्कारी!! ____________________________________________ जन-गण-मन की बात करो मत,करनी है जब मक्कारी| बन्धु! हमको विदित है इतना, सत्ता है तुमको प्यारी|| गिद्ध लोमड़ी श्वान सुअर या, खल श्रृंगाल कहें तुमको| देकर इतनी... Hindi · गीत 2 5 735 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jan 2022 · 2 min read हम और हमारा साहित्य साहित्य मन का दर्पण होता है, सृजनशीलता हर मानवमात्र में होती है, लेखन का आपके मस्तिष्क एवं मनोभावों से गहरा नाता है, जरुरत है तो बस मस्तिष्क एवं मनोभावों का... Hindi · लेख 1 506 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jan 2022 · 4 min read कोरोना काल और हम कोरोना काल और हम --------------------------------- कोरोना काल वाकई एक ऐसा विपरीत परिस्थितियों से उत्पन्न कठिन समय, जिसके प्रभाव से शायद ही कोई सुरक्षित रहा हो। कोई इसके चपेट में आकर... Hindi · लेख 1 233 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jan 2022 · 1 min read सर्वधर्म समभाव रहे जयगान सदा हो भारत की।। आप सभी भारतवासियों को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक मंगलकामना ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ द्वेष मिटे अनुराग बढ़े उत्थान सदा हो भारत की| मान बढ़े सम्मान बढ़े गुणगान सदा हो भारत की| विश्व... Hindi · मुक्तक 3 1 430 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jan 2022 · 2 min read तीज- त्यौहार को छोड़कर मैं शुभे! इस बियाबान में ठोकरें खा रहा|| #सरहद_पर_प्राणों_की_आहुति_देने_को_तत्पर_हमारे_वीर_सैनिकों को मेंरा कोटि-कोटि प्रणाम _______________ #शब्दों_की_सलामी__________________ तीज- त्यौहार को छोड़कर मैं शुभे! इस बियाबान में ठोकरें खा रहा| प्रेम का पुष्प हिय में हुआ था उदित, राष्ट्र का प्रेम... Hindi · गीत 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jan 2022 · 1 min read वक्ष में प्रेम के जब खिले पुष्प थे, मैं सुगंधों तले ही हुआ मुग्ध था वक्ष में प्रेम के जब खिले पुष्प थे, मैं सुगंधों तले ही हुआ मुग्ध था। प्रेम के बीज कब के हुये अंकुरित, अंश पर हल लिए मैं भटकता रहा। जोतने... Hindi · गीत 1 426 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jan 2022 · 1 min read गंगोदक सवैया छंद (२१२ × ८) ------------------------?जय माँ शारदे ?--------------------------- भारती गोमती पाणि वीणा सुनो भक्त द्वारे खड़ा भक्ति दे दो हमें। पातकी मैं रहा पुण्य से था परे हाथ जोड़े खड़ा मुक्ति दे दो हमें।... Hindi · घनाक्षरी 4 1 624 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jan 2022 · 1 min read #मदिरा_पीकर_आये_स्वामी, #नर्कलोक_में_जाओगे| #मदिरा_पीकर_आये_स्वामी, #नर्कलोक_में_जाओगे| ===================================== मदिरा पीकर आये स्वामी, नर्कलोक में जाओगे| होंगे दूत भयानक यम के, दण्ड कठिन तुम पाओगे|| मद्यपान यह कलुष कर्म है, फिर भी तुम रहते हो रत|... Hindi · गीत 1 2 442 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Jan 2022 · 1 min read गीत _______________________________________________ उर की पीड़ा उर में रखना, समझें अपना शान यहीं| रोना भी तो छुपकर रोना, मर्दों की पहचान यहीं|| मन को बेध रही वह पीड़ा, सब अपने ही पाले... Hindi · गीत 1 441 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Jan 2022 · 1 min read तनिक नहीं विश्वास किया। किया समर्पित जीवन जिसको, कानन में क्यों वास किया| त्याग चले आलय वनिता को, तनिक नहीं विश्वास किया|| मान रहे पथ - बाधा ही थे, पर हमको कब ज्ञात हुआ|... Hindi · गीत 2 854 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Jan 2022 · 2 min read #बोल_तुमको_चाहिए_क्या ? एक गीत (चुनावी मौसम को समर्पित) #बोल_तुमको_चाहिए_क्या ? ________________________________________ वोट खातिर नोट लेकर हैं खड़े देखो महाशय, बांटते खैरात! कहते बोल तुमको चाहिए क्या? कर रहे प्रण अब महोदय है... Hindi · गीत 2 3 828 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jan 2022 · 1 min read अभ्र सम अनुराग उर में ले बसा दृग में तुम्हारे !! अभ्र सम अनुराग उर में ले बसा दृग में तुम्हारे, सिंधु सम गहरे हृदय में चाहता रहना हमेशा| कल्पनाओं में हमारे प्रीति के हर प्रस्फुटन में, एक तुम रहती रही... Hindi · गीत 1 719 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jan 2022 · 2 min read राजनैतिक आम्र के फल बट रहे चहुंओर देखो !! एक गीत (चुनावी मौसम को समर्पित) _________________________________ राजनैतिक आम्र के फल बट रहे चहुंओर देखो किन्तु गुठली ही मिलेगी जानकर मन थाम लेना| वोट खातिर नोट के बण्डल बटेंगे प्यार... Hindi · गीत 1 491 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Dec 2021 · 3 min read ऐतिहासिक किवदंती (मंशाराम चौबे जी की ) नमन माँ शारदे? विषय :- ऐतिहासिक किवदंती (मंशाराम चौबे जी की कहानी) [ #दंतकथा/लोककथा ] यह कहानी मेरे गाँव के प्रणेता मंशाराम चौबे जी की है जो मैने अपने दादा... Hindi · कहानी 2 2 854 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Dec 2021 · 1 min read मानव जीवन द्वेष- विद्वेष ही उर में चलता रहा। पुण्य जलता रहा पाप छलता रहा। बालपन दोष से मुक्त था सर्वदा। हर्ष उल्लास से युक्त था सर्वदा। देवता नित्य करते हृदय में... Hindi · गीत 2 655 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Dec 2021 · 1 min read प्रीति जगत की रीत #प्रदत्त_शब्द - गीत, प्रीत, रीत #विधा - कुण्डलिया **************************************** प्रीति जगत की रीत है, यह जीवन संगीत। प्रीत ही है परमात्मा, प्रीत दिलाये मीत। प्रीत दिलाये मीत, हर्ष जीवन में... Hindi · कुण्डलिया 1 2 706 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Dec 2021 · 1 min read राधा सम तुम प्रीत हमारी। राधा सम तुम प्रीत हमारी। रूप सुघर तन मादकता की, लगती हो फुलवारी। कुन्तल कारे मेघ सरीखे, चितवन है मतवारी। रूप - रंग तेरे निज मन की, पीर मिटाये सारी।... Hindi · कविता 2 438 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Nov 2021 · 2 min read राम_राज्य_अब_रहा_नहीं...!! _________ #राम_राज्य_अब_रहा_नहीं __________ ~~~~~~~~~~~~~?~~~~~~~~~~~~ राम अयोध्या रही न वैसी, तब जैसे प्रतिवेश नहीं| राम राज्य में थी यह जैसी, वैसा अब परिवेश नहीं|| हिय में वास नहीं करते तुम, पाहन... Hindi · गीत 2 835 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Nov 2021 · 3 min read प्रश्न एवं उनके उत्तर #जीवन_के_डगर_में_सङ्ग_चलने_को_लेकर_प्रेमी_का_प्रेयसी_से_प्रश्न ~~~~~~~~~~~~~~?~~~~~~~~~~~~~~ उलझनों से हो पराजित पथ विमुख गर मैं हुआ जो, तब कहो तुम प्राणिके क्या सङ्ग मेरे चल सकोगी? बात जो भी हो हृदय में, बिन कहे ही... Hindi · गीत 3 5 715 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Nov 2021 · 1 min read हर कदम हर मोड़ पर हम, हाथ थामें हीं चलेंगे..!! आपको होने न देंगे जिन्दगी में हम पराजित हर कदम हर मोड़ पर हम हाथ थामे हीं चलेंगे।। आपका सम्मान रक्षण, जिन्दगी का एक मकसद। ईश के संमुख हमेशा, वंदगी... Hindi · गीत 1 858 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Nov 2021 · 2 min read तब कहो तुम प्राणिके! क्या, सङ्ग मेरे चल सकोगी? उलझनों से हो पराजित पथ विमुख गर मैं हुआ जो तब कहो तुम प्राणिके क्या सङ्ग मेरे चल सकोगी? बात जो भी हो हृदय में, बिन कहे ही जान लूँगा।... Hindi · गीत 1 1 659 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Nov 2021 · 1 min read वेदना मानव हृदय से, मिट रही संवेदना की....!! एक गीत * बस यूं ही __________________________ वेदना मानव हृदय से मिट रही संवेदना की प्रश्न है यह यक्ष बोलो क्या कभी तुम पढ़ सकोगे? है पिता से पुत्र आहत,... Hindi · गीत 6 9 639 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Nov 2021 · 1 min read बेटे को जन्म दिन की बधाई अवतरण दिवस की आकाश भर हार्दिक शुभकामनाएँ बेटा जी....बहुत - बहुत बधाई। ??????????????? देता हूँ शुभकामना, बेटे बारंबार। जन्मदिवस पे आपको, खुशियाँ मिले अपार। खुशियाँ मिले अपार, जगत में नाम... Hindi · कुण्डलिया 3 2 737 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Nov 2021 · 1 min read *वेदना उपहार में भेजूँ तुझे तो* हे शुचे! तुम मौन हो, स्वीकार लेना, वेदना उपहार में भेजूँ तुझे तो। मैं कठिन संघर्ष में जीने को तत्पर- विष मिले उसको भी पीना चाहता हूँ। मातमों की हर... Hindi · गीत 2 1 935 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Nov 2021 · 1 min read *वनिता का सङ्ग* (लावणी छंद) आधारित गीत मन की छोटी सी अभिलाषा, निश्चल प्रेम अपार रहे। वनिता का ही सङ्ग हमेशा, जीने का आधार रहे।। पतझड़वत जीवन था मेरा, रँग तुम्हीं ने भरा शुभे। हरित हुआ मधुमास... Hindi · गीत 5 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Nov 2021 · 1 min read दीपोत्सव (मत्तगयंद सवैया) दीपोत्सव पर्व दीपावली की आप सभी को सपरिवार ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ एवं हार्दिक बधाई। दीप जला उजियार करो, मन के तम को तुम दूर करो जी। द्वेष मिटे उर नेह... Hindi · घनाक्षरी 1 2 462 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Nov 2021 · 5 min read नव उत्सव का आगमन नव उत्सव का आगमन _____________________________________ "अमन इस बार कोई बहाना नहीं चलेगा, इस बार नवरात्रि में वैष्णव देवी दर्शन करने हम सभी चल रहे हैं और दशहरे के रोज बनारस... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 Oct 2021 · 1 min read कल क्या होना?? (मत्तगयंद सवैया) बालक के उर में उठता यह प्रश्न बता कल क्या कुछ होना। मातु बता कब पूरित हो, मनु पाल रहा वह स्वप्न सलोना। हे मइया! इस जीवन में, कब क्या... Hindi · घनाक्षरी 2 1 697 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Oct 2021 · 2 min read परिचर्चा (कन्या पूजन का महत्व) परिचर्चा (कन्या पूजन का महत्व) विधा:- आलेख दिनांक:- ८/१०/२०२१ ___________________________________________ सनातन संस्कृति एवं वैदिक मान्यताओं के फलस्वरूप नवरात्रि में नवदुर्गा के नव अलग- अलग स्वरूपों का पूजन नव कन्याओं के... Hindi · लेख 1 520 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Sep 2021 · 1 min read राजनेता #हास्य_व्यंग्य:- राजनेता ````````````````````````````````````````````````````````` रंग बदलते गिरगिट जैसे, मेढक ये बरसाती। बाप मान लें गदहे को भी, शर्म इन्हें न आती।। जनाधार के खातिर करते, जन की खातिरदारी। पाँच वर्ष न... Hindi · कविता 2 1 729 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2021 · 1 min read काहे का अहंकार काहे का अहंकार.....!! २१२२, २१२२, २१२२, २१२२ तू बड़ा अरु मैं बड़ा का,चल रही तकरार क्यों है? है निधन जब सत्य संभव, आज यह व्यवहार क्यों है? पाल बैठे... Hindi · गीत 1 582 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 Sep 2021 · 1 min read वर्तमान_परिदृश्य #वर्तमान_परिदृश्य............!!± कहकहे गायब हुए सब, घर हुआ शमशान जैसा। मिट रही इंसानियत क्यों? धन हुआ भगवान जैसा।। पूजते पाषाण को हैं, नाम का भगवान है जो। भक्त भी बनते वहीं... Hindi · गीत 2 1 857 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Sep 2021 · 1 min read #- #जैसा_अपना_आना_प्यारे, #वैसा_अपना_जाना_रे। #पगडण्डी - #जैसा_अपना_आना_प्यारे, #वैसा_अपना_जाना_रे। #विधा - गीत १६/१४ ====================================== जीवन जग माया का मेला , क्या खोना क्या पाना रे| जैसा अपना आना प्यारे , वैसा अपना जाना रे|| जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 812 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2021 · 1 min read साड़ी साड़ी ______ बबलू ये बबलू कहा बाड़ऽ हो, दादी जोर जोर से हांक लगावत रहली पऽ बबलूआ कहीं लउकाते ना रहल। ये फुलेसर कहां बा हो बबलूआ, बहुत ही देर... Hindi · लघु कथा 2 2 704 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Sep 2021 · 1 min read प्रेम का आधार शाश्वत #विषय ? #प्रेम #विधा? #गीत ... रचना संबंध का आधार शाश्वत, प्रेम जीवन सार है। हेतु नहीं एक याम का यह, प्रेम भव आधार है।। जब प्रेम पलता चहुँदिशा में,... Hindi · गीत 3 3 451 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Sep 2021 · 1 min read क्या कभी निज से मिला हूँ विधा :- गीत (१४-१४मात्रिक-२१२२ २१२२ ) विषय :-** क्या कभी निज से मिला हूँ दिनांक :- ०८/०८/२०२१ ______________________________________________ सोचता हूँ मौन रहकर हर व्यथा सहता चला हूँ, कौन हूँ, हाँ!... Hindi · गीत 2 376 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Sep 2021 · 1 min read मत्तगयंद सवैया ( राखी ) रक्षाबंधन की अनंतानंत हार्दिक शुभकामनाएँ, सभी बहनों को मेरा प्रणाम पहुंचे। ______________________________________________ आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइयों से हार्दिक बधाई ______________________________________________ रेशम... Hindi · घनाक्षरी · मत्तगयंद सवैया 3 807 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Sep 2021 · 1 min read नारी (मत्तगयंद सवैया छंद) मत्तगयंद सवैया छंद __________________========_____________________ स्वेद बहा निज का तन से, घर को सुखधाम बनावत नारी। निर्मल गंग बहा हिय से, अनुराग सदा बरसावत नारी। रूप अनेक धरे जग में, लछमी... Hindi · घनाक्षरी 3 3 640 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Sep 2021 · 1 min read दग्ध हुई वसुधा उर की......!! विधा:- गीत दिनांक:- २/०९/२०२१ दिवस:- गुरुवार ____________________________________________ दूर पिया सुधि लेत नहीं, किससे सजनी यह बात बखाने। दग्ध हुई वसुधा उर की, हिय आज उन्हें बस निष्ठुर माने।। छोड़ि गये... Hindi · गीत 2 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jul 2021 · 1 min read शिव स्तुति दिनांक :- १८/०७/२०२१/ दिन :- रविवार ।। शिव स्तुति ।। =================================== नमो विधाता भय नाश कर्ता। नमो पिनाकी दुख शोक हर्ता। नमो कपाली धन धान्य दाता। नमो महादेव सुभाग्य दाता।... Hindi · कविता 4 4 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Jul 2021 · 1 min read मर्ज है मर्ज की बस दवा दे मुझे। थोड़ा इसे देखिए मर्ज है मर्ज की कुछ दवा दे मुझे। जिंदगी मौत से अब मिला दे मुझे। राह काटों भरी यार चलता रहा- आज फूलों भरा रास्ता दे मुझे।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 950 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Jul 2021 · 7 min read दोराहा दोराहा ----------------/------------------ अभिनव देख लो आज वही तेरे जीवन रूपी नैया को किनारे लाई जिसे तू अबतक बेवफा कहता रहा, जिसका शक्ल भी देखना तुझे गवारा नहीं था। भाई एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 2 955 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Jul 2021 · 8 min read कैसी बेबसी °°°°°°°°° कैसी बेबसी °°°°°°°°°° °°°°°°°°°●●●°°°°°°°°°° कितना खुश था पिता ; जब पहली बार देखा था अपने पुत्र का चेहरा जैसे दुनिया की सारी खुशी एक ही पल में उसके अन्तस... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 757 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Jul 2021 · 1 min read दुर्मिल सवैया आधारित गीत सखि धीरज भी अब डोल गया, नयना बरसे इस सावन में। सुख के सपने सब टूट गये, मनवा तरसे इस सावन में।। तुम दूर गये कब भूल गए, परदेश बसे... Hindi · गीत 1 1k Share Previous Page 3 Next