Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2021 · 1 min read

वेदना मानव हृदय से, मिट रही संवेदना की….!!

एक गीत * बस यूं ही
__________________________
वेदना मानव हृदय से
मिट रही संवेदना की
प्रश्न है यह यक्ष बोलो
क्या कभी तुम पढ़ सकोगे?

है पिता से पुत्र आहत, भ्रात से भ्राता कुपित है
मातु के अपमान सहने, की व्यथा से मन भ्रमित है
निज स्वशा को कर प्रताड़ित, बन रहा मनु है विधाता
दंभ मिथ्या शान का अब, है बना देखो प्रदाता

मिट रहे है मूल्य नैतिक
कर रहा संबंध खण्डित
टूटते अनुबंध की, क्या
मूर्तियाँ तुम गढ़ सकोगे?
प्रश्न है यह यक्ष बोलो
क्या कभी तुम पढ़ सकोगे?

मित्रता छलने लगी अब, चाल कुत्सित नित्य चलकर
घात करता है हृदय में, गोदि माँ के पुत्र पलकर
आचरण का क्षय यहाँ अब, दुर्विचारों का उदय है
कंश, दुर्योधन, दुशासन, का हुआ अब अभ्युदय है

सभ्यता निर्वाण के इस
पटकथा की यंत्रणा का
बोझ सर लेकर मनुज क्या
तुम शिखर पर चढ़ सकोगे?
प्रश्न है यह यक्ष बोलो
क्या कभी तुम पढ़ सकोगे?

द्वेष- ईर्ष्या लोभ- लालच, आज को करते सुशोभित
अब विलासी भावना ही, कर रही मन को प्रलोभित
सभ्यताओं की चिताएँ, जल रही हैं आज पल – पल
दृश्य होता ही नहीं कुछ, दुर्विकारों। का कहीं हल

आदमीयत को प्रताड़ित
सद्य करने की प्रथा को
सङ्ग तुम लेकर मनुज क्या
मुक्ति पथ पर बढ़़ सकोगे?
प्रश्न है यह यक्ष बोलो
क्या कभी तुम पढ़ सकोगे?

✍️पं.संजी शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार

Language: Hindi
Tag: गीत
6 Likes · 9 Comments · 622 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िंदा होने का सबूत दो
ज़िंदा होने का सबूत दो
Shekhar Chandra Mitra
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
शिव वन्दना
शिव वन्दना
Namita Gupta
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
अरशद रसूल बदायूंनी
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
गर्भपात
गर्भपात
Bodhisatva kastooriya
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
💐प्रेम कौतुक-529💐
💐प्रेम कौतुक-529💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
नज़र नज़र का फर्क है साहेब...!!
Vishal babu (vishu)
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
Sonu sugandh
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर न बने नये रिश्ते ,
अगर न बने नये रिश्ते ,
शेखर सिंह
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
श्याम सिंह बिष्ट
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
Anand.sharma
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
चुनाव 2024....
चुनाव 2024....
Sanjay ' शून्य'
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
Radhakishan R. Mundhra
बैठ गए
बैठ गए
विजय कुमार नामदेव
Loading...