Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2021 · 1 min read

राधा सम तुम प्रीत हमारी।

राधा सम तुम प्रीत हमारी।
रूप सुघर तन मादकता की, लगती हो फुलवारी।
कुन्तल कारे मेघ सरीखे, चितवन है मतवारी।
रूप – रंग तेरे निज मन की, पीर मिटाये सारी।
देख तुझे मन हुआ बावरा, छेड़ रहा धुन प्यारी।
पल-पल मिलने को मन मचले,कैसी लगी बिमारी।
मंदिर – मंदिर भटक रहा मैं, साथ मिले बनवारी।
सब तेरे ही कारण छोरी, हे! पितु- मातु दुलारी।।

पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
2 Likes · 425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वो टूटता तारा भी कितनों की उम्मीदों का भार लिए खड़ा है,
वो टूटता तारा भी कितनों की उम्मीदों का भार लिए खड़ा है,
Manisha Manjari
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
Sakhawat Jisan
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
“मेरी कविता का सफरनामा ”
“मेरी कविता का सफरनामा ”
DrLakshman Jha Parimal
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
हिंदी दिवस पर विशेष
हिंदी दिवस पर विशेष
Akash Yadav
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
दुष्यन्त 'बाबा'
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
शिक्षक हमारे देश के
शिक्षक हमारे देश के
Bhaurao Mahant
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
कई राज मेरे मन में कैद में है
कई राज मेरे मन में कैद में है
कवि दीपक बवेजा
बादलों ने ज्यों लिया है
बादलों ने ज्यों लिया है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
रंग आख़िर किसलिए
रंग आख़िर किसलिए
*Author प्रणय प्रभात*
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सबका नपा-तुला है जीवन, सिर्फ नौकरी प्यारी( मुक्तक )
सबका नपा-तुला है जीवन, सिर्फ नौकरी प्यारी( मुक्तक )
Ravi Prakash
क्या जानते हो ----कुछ नही ❤️
क्या जानते हो ----कुछ नही ❤️
Rohit yadav
#ekabodhbalak
#ekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
2858.*पूर्णिका*
2858.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं
मैं
Ranjana Verma
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
नारी का अस्तित्व
नारी का अस्तित्व
रेखा कापसे
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...