स्वागत गीत
आप सभी को हिंदू नूतन वर्ष एवं वासंतिक नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
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वर्ष का आरंभ है नवरात्रि का आरंभ आगत।
मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल सुस्वागत।
शाम्भवी सती सर्वविद्या भाविनी भव्या भवानी।
सब खड़े आतिथ्य को हैं मूर्ख पण्डित और ज्ञानी।
अब तमस जग से मिटाने आ रही है माँ अनंता।
नाश जड़ता का करेगी छोड़ दे मनु सर्व चिन्ता।
पंक्ति में करबद्ध देखो देव मुनि जन हैं क्रमागत।
मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल सुस्वागत।।
पाटला विमला जया हे! देवमाता दक्षकन्या।
दुष्ट को विकराल है माँ भक्त खातिर हैं अघन्या।
ध्वंस करने दुष्टता का आ रही है भद्रकाली।
काल सम विकराल मुख पर तेज जैसे अंशुमाली।
पुष्प रोली दीप अक्षत ले करें वंदन प्रथागत।
मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल सुस्वागत।।
दक्षकन्या चन्द्रघण्टा सर्वदानवघातिनी माँ।
शैलपुत्री एककन्या दक्षयज्ञविनाशिनी माँ।
दम्भ ईर्ष्या द्वेष का विध्वंस करने आ रही है।
सिंह पर असवार माता दृग हृदय को भा रही है।
मुक्तकेशी सुंदरी का जग करें वंदन विधागत।
मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल सुस्वागत।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’