Manisha Manjari Tag: Manisha Manjari Hindi Poem 145 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Manisha Manjari 8 Dec 2022 · 1 min read सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे। चलने लगे हैं, वो कदम मेरे साथ कुछ ऐसे, की लहरों का अस्तित्व जुड़ा हो, सागर के नाम से जैसे। अँधेरे की इनायतें हुईं हैं, किस्मत की लक़ीरों पर ऐसे,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 289 Share Manisha Manjari 1 Dec 2022 · 1 min read नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस रात की सुबह होने को नहीं है? नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस रात की सुबह होने को नहीं है? उमीदों की कश्ती के आगे तूफ़ान फिर वही है, पर इस बार पतवार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 4 454 Share Manisha Manjari 28 Nov 2022 · 1 min read जानती हूँ मैं की हर बार तुझे लौट कर आना है, पर बता कर जाया कर, तेरी फ़िक्र पर हमें भी अपना हक़ आजमाना है। ये बारिशें जो नज़ारों को धुंधला कर जाती हैं, मुझसे पूछे बिना हीं, मेरी आँखों से टकराती हैं। मेरे सुकून के हक़ में, तू छिपाता है बातें कई, पर तेरे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 247 Share Manisha Manjari 26 Nov 2022 · 1 min read सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं। कुछ तूफां किनारों पर नज़र रखते हैं, साथ चलते हैं समंदर में, पर साहिलों पर असर करते हैं। लक़ीरें हाथों की भी तो, तां-उम्र साथ चलती है, फिर क्यों ख़्वाहिशें,... Hindi · Daily Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · मनीषा मंजरी · रहस्य 3 322 Share Manisha Manjari 25 Nov 2022 · 1 min read क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है। क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है, बड़ी मुश्किल से आये जो पल, उन पलों को नज़र लगाती है। वो आँसू जो आँखों को छोड़... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 201 Share Manisha Manjari 24 Nov 2022 · 1 min read सपने जब पलकों से मिलकर नींदें चुराती हैं, मुश्किल ख़्वाबों को भी, हक़ीक़त बनाकर दिखाती हैं। वो रौशनी जो अंधेरों से छन कर आती है, रूह को सुकून की सौग़ात देकर जाती है। बारिशों के इंतज़ार में जब आँखें पथराती हैं, तभी तो बूँदें भी कोपलों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 3 2 295 Share Manisha Manjari 12 Nov 2022 · 1 min read जज़्बातों की धुंध, जब दिलों को देगा देती है, मेरे कलम की क़िस्मत को, शब्दों की दुआ देती है। वो लहरें जो किनारों से मिल, खुद को मौत की सज़ा देती हैं, कभी-कभी सागर का साथ पा, साहिलों को डूबा देती हैं। नींद की आगोश, जो हर दर्द को... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 4 4 235 Share Manisha Manjari 5 Nov 2022 · 1 min read रक्तरंजन से रणभूमि नहीं, मनभूमि यहां थर्राती है, विषाक्त शब्दों के तीरों से, जब आत्मा छलनी की जाती है। अंतर्मन की संवेदनाएं, मूक दर्शक बन रह जाती है, आस्था संचित ज्योति को, शीतल पवन छल जाती है। पथ हीं पथिक की आशाओं को, मार्ग में यूँ भटकाती है, गंतव्यों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 325 Share Manisha Manjari 3 Nov 2022 · 1 min read ये दुनिया इश्क़ को, अनगिनत नामों से बुलाती है, उसकी पाकीज़गी के फ़ैसले, भी खुद हीं सुना जाती है। कुछ इल्तेजायें, आख़री पन्नों तक गुनगुनाती हैं, अपनी क़िस्मत, को हर पड़ाव पर आज़माती हैं। कभी रूह को, सुकून की नज़र कर जाती हैं, तो कभी हर एहसास को, खाक... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 6 198 Share Manisha Manjari 3 Nov 2022 · 1 min read ये हमारे कलम की स्याही, बेपरवाहगी से भी चुराती है, फिर नये शब्दों का सृजन कर, हमारे ज़हन को सजा जाती है। मंज़िलों की तलाश में, अक्सरहां ज़िन्दगी गुम सी जाती है, खुद के अक्स को भी, पहचानने से ये कतराती है। लम्हों की साजिशें, जिंदगी को यूँ उलझाती हैं, कि कतरा-कतरा... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 7 5 303 Share Manisha Manjari 25 Oct 2022 · 1 min read हिम्मत से हौसलों की, वो उड़ान बन गया। अंधेरों ने उसकी ज़िन्दगी, को कुछ ऐसे छुआ, की स्याह रातों का वो, निगहबान बन गया। ठोकरें लगीं तो गिरा, वो कई बार, और फ़िर उन्हीं गलियों, का अभिमान बन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 4 160 Share Manisha Manjari 22 Oct 2022 · 1 min read जिसकी फितरत वक़्त ने, बदल दी थी कभी, वो हौसला अब क़िस्मत, से टकराने लगा है। ये वक़्त जाने क्यों, खुद को दोहराने लगा है, भूली-बिसरी सदाओं को, नए आवाज में गाने लगा है। जिन वादियों में, खुद को खोया था कभी, जाने क्यों वही मंज़र,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 8 10 277 Share Manisha Manjari 22 Oct 2022 · 1 min read ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं। ये इच्छाओं की कतार, ज़िन्दगी को ऐसे मोड़ पर ले आती है, की ज़िन्दगी सुकून से जीने को, ज़िन्दगी हीं तरस जाती है। अपने दंश से ये, हर क्षण में... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 7 6 221 Share Manisha Manjari 19 Oct 2022 · 1 min read दूरी रह ना सकी, उसकी नए आयामों के द्वारों से। अनवरत लड़ते रहे वो, खुद के अंधेरों से, जागे कई बार, फिर भी रहे दूर सवेरों से। भटकती राहें मिलती रहीं, हाथों की लकीरों से, चाहतें थी मरने की, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · नए आयाम · मनीषा मंजरी 5 6 287 Share Manisha Manjari 18 Oct 2022 · 1 min read हाथों को मंदिर में नहीं, मरघट में जोड़ गयी वो। क्रोध से हार, आज मौन को तोड़ गयी वो, शब्दों में स्वयं के, अथाह विष को घोल गयी वो। आज फिर दर्द का, ऐसा बवंडर सा उठा, की अपने हीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · क्रोध · मनीषा मंजरी 8 4 445 Share Manisha Manjari 16 Oct 2022 · 1 min read कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं। कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं, स्याही से उभरे, उन अल्फ़ाज़ों को हम बेमकसद सा पढ़ जाते हैं। जैसे कुछ बादल, बिना बरसे भी मौसम का... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · जिंदगी · मनीषा मंजरी 5 2 268 Share Manisha Manjari 15 Oct 2022 · 1 min read उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स दिखाया है। इस एहसास ने अरसे बाद मुझको रुलाया है, कि तेरी यादों के सिवा, कुछ और भी ज़हन में आया है। उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · जिंदगी · मनीषा मंजरी 4 2 227 Share Manisha Manjari 8 Oct 2022 · 1 min read ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी टकराएं,ऐसी कोई बात ना हो। ख़्वाहिश है कि फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी टकरायें, ऐसी कोई बात ना हो। अंधेरों में गुम होने की आदत है मुझे, जिसकी सुबह फिर आये, ऐसी रात... Hindi · Featuring In The Upcoming Nove · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 8 12 322 Share Manisha Manjari 8 Oct 2022 · 1 min read अपने नाम का भी एक पन्ना, ज़िन्दगी की सौग़ात कर आते हैं। कभी-कभी सपने भी, आँखों के कसूरवार बन जाते हैं, जब इंद्रधनुषी रंगों से, कोरे मन की सतह को रंग जाते हैं। क़दमों से जमीं छीन, बादलों का पंख दे भरमाते... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी 8 8 299 Share Manisha Manjari 5 Oct 2022 · 1 min read रावणदहन आज राम का रूप धर, रावण के पुतले जलाएंगे, बारूदों की लड़ियों से, उसके विशालकाय स्वरुप को सजायेंगे। धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा, अग्निमय वाणों से उसके हृदय को छलनी कर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कटाक्ष · कविता · मनीषा मंजरी 7 8 410 Share Manisha Manjari 1 Oct 2022 · 1 min read मैं टूटता हुआ सितारा हूँ, जो तेरी ख़्वाहिशें पूरी कर जाए। तेरी आहटें, मेरी खामोशियों को फ़िर छू ना पाए, ये हवाएँ, फिर ठहरे पानी में हलचल ना मचाये। तेरी मुस्कुराहटें मेरे वज़ूद को, फ़िर ज़िंदा ना कर पाए, उदासियों की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 7 1 331 Share Manisha Manjari 27 Sep 2022 · 1 min read जगदम्बा के स्वागत में आँखें बिछायेंगे। जगदम्बा के स्वागत में आँखें बिछायेंगे, और उन्हीं नज़रों से जाने कितनी स्त्रियों को शर्मिंदा कर जायेंगे। समाज़ के कुछ ठेकेदार ऐसे भी हैं, जो माँ पे तो हक़ जमायेंगे,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कटाक्ष · कविता · नवरात्र 5 10 801 Share Manisha Manjari 23 Sep 2022 · 1 min read ये उम्मीद की रौशनी, बुझे दीपों को रौशन कर जातीं हैं। क़ायनात की साजिशें कुछ यूँ भी रंग लातीं हैं, की किसी अपने का साथ, मिटा कर चली जाती हैं। वादे तोड़ने की कोशिशों में, जब नाक़ाम हो जातीं हैं, तो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी 4 4 340 Share Manisha Manjari 21 Sep 2022 · 1 min read लाखों सवाल करता वो मौन। उम्र का अंतिम पड़ाव, कुछ घरों को, मौन किलकारियां सुना जाता है। जब बेबस सी उन आँखों से, ख्वाब हीं नहीं, यादें भी वक्त चुरा ले जाता है। पग ठहरते... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · Manishamanjari · कविता 4 5 254 Share Manisha Manjari 14 Sep 2022 · 1 min read काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं। काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं, कल जो अपने थे, आज वही तो पराये हैं। जो पोंछते थे कभी, आँखों से बहते हुए अश्रु, उन्होंने हीं तो... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 10 387 Share Manisha Manjari 14 Sep 2022 · 1 min read जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं। कुछ खुशबुएँ साँसों को महका कर जाती हैं, जब हवाएं तेरे शहर से होकर आती हैं। यादों के बंद कमरों में सेंधमारी कर जाती हैं, और सिमटे हुए दर्दों को... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 4 282 Share Manisha Manjari 11 Sep 2022 · 1 min read रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी। तलाश ज़िन्दगी की, उस मकाम पे ले आयी, खुद की परछाई भी, तब मेरे काम ना आयी। घर के मोह ने, मुझे एक आशातीत दुनिया दिखाई, कि घर तो कभी... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 6 470 Share Manisha Manjari 8 Sep 2022 · 1 min read जीवन क्षणभंगुरता का मर्म समझने में निकल जाती है। स्वयं के अक्स की पहचान, धूमिल सी हो जाती है, विपत्तियों की गाठें जब, जीवन की डोर में लग जाती हैं। खुशियों के क्षण तो, पलक झपकते खो जाते हैं,... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 5 367 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे। उस भीड़ से ज्यादा इस तन्हाई ने संभाला है मुझे, दिन के उजालों ने नहीं, रात के अंधेरों ने निखारा है मुझे। सितारों का अपना तो, मैं कभी बन ना... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 4 264 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं। अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं, स्वयं के विचार हीं तो, सबसे ज्यादा सताते हैं। अन्धकार के बादल, जब छत पर मंडराते हैं, साये रिश्तों के हीं, सर्वप्रथम... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 8 338 Share Manisha Manjari 19 Aug 2022 · 1 min read असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है। कुछ खतों के मुक्कद्दर में, बस जेहन की ज़मीं होती है, खंज़र जैसे हाथों में, जब लकीरों की कमी होती है। खमोशिओं की गहराईयों में, शब्द निर्वस्त्र से पड़े होते... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 11 457 Share Manisha Manjari 12 Aug 2022 · 1 min read ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया। ज़िन्दगी ने राहों को हीं, मंज़िल बना दिया, ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया। हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया, जुड़े थे कभी शाख़ से, ज़मीं... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 10 12 559 Share Manisha Manjari 6 Aug 2022 · 1 min read आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है? अंतर्मन के द्वंदों से आज भी मन थर्राता है, बीते वक़्त का तूफ़ान जब राहों को भरमाता है। शब्दों का वो कोलाहल संवेदनाओं को स्तब्ध कर जाता है, आघातों की... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 4 363 Share Manisha Manjari 1 Aug 2022 · 1 min read जब उम्मीदों की स्याही कलम के साथ चलती है। कुछ ख्वाहिशें सिर्फ जेहन तक का सफर करती हैं, हाथों की लकीरें बस रेखाचित्र बनी फिरती हैं होठों पे आयी मुस्कान उधार सदृश्य लगती है, कितनी किस्तों में होगी अदायगी,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 13 462 Share Manisha Manjari 28 Jul 2022 · 1 min read किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। पर बता मुझे, यदि ये भी न रहे तो मेरे अस्त्तित्व को कौन दर्शाएगी? इस खालीपन के अंधेरों... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 7 9 453 Share Manisha Manjari 27 Jul 2022 · 1 min read धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं। धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं, संबंधों की आर में जब ये छली जाती हैं। विजय शत्रुओं पर तो मिल जाती है, अनुभव तो अपनों का घात करवाती है। समक्ष... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 2 8 390 Share Manisha Manjari 26 Jul 2022 · 1 min read सागर ने लहरों से की है ये शिकायत। सागर ने लहरों से की है ये शिकायत, वो कश्ती आती नहीं जिसकी थी मुझे आदत। मेरी मौजों में घुलती रहती थी वो खिलखिलाहट, और आँखे ढ़ुंढती थी मीलों तक... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 9 353 Share Manisha Manjari 25 Jul 2022 · 1 min read ये बारिश की बूंदें ऐसे मुझसे टकराईं हैं। ये बारिश की बूंदें ऐसे मुझसे टकराईं हैं, शायद तुम्हें ढ़ुढ़ते ढुंढते मेरे पास चली आईं हैं। ये जमीं की खुशबू फिज़ा में ऐसे छायी है, जैसे मेरे ज़हन में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 3 6 453 Share Manisha Manjari 21 Jul 2022 · 1 min read इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी। अंधेरी गलियों में अकसर गुम हो जाती हुंँ मैं, रौशनी को तरसती हैं आंखें मेरी, इतनी घबराती हुँ मैं। विश्वास ने छला है ऐसा, आस्था भी डराती मुझको, रज्जु में... Hindi · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 8 8 368 Share Manisha Manjari 20 Jul 2022 · 1 min read अनवरत सी चलती जिंदगी और भागते हमारे कदम। अनवरत सी चलती जिंदगी और भागते हमारे कदम, एक दुजे से आगे निकल जाने को, करते हैं कितने जतन। पता है जाने को उस पार, चलानी होगी खुद की पतवार,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 2 2 270 Share Manisha Manjari 15 Jul 2022 · 1 min read कड़वा है पर सत्य से भरा है। यहाँ संस्कार खामोशी से तोले जाते हैं, शब्द भी निःशब्द होकर बोले जाते हैं। शरीर भले चोटों से भरा हो, पर लबों पे मुस्कुराहटों के ताले ठोके जाते हैं। संवेदनाओं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 2 6 668 Share Manisha Manjari 10 Jul 2022 · 1 min read काश उसने तुझे चिड़ियों जैसा पाला होता। कुछ तो थी, उन आंखों की ख्वाहिश, जिसे मूंद कर खत्म कर दी, उसने हर फरमाइश। अब ना वो तुझे बार बार बुलाएगी, घर कब आएगा, ये कह कर सताएगी।... Hindi · Life · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 1 4 293 Share Manisha Manjari 7 Jul 2022 · 1 min read क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से। क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से, जिसने मिलवा दिया मुझे अपने आप से। गर्दिशों में भी इसने चमकना सिखाया, और आंसुओं के साथ भी तो अपना बनाया। हाँ,... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · Manishamanjari · कविता 4 2 642 Share Manisha Manjari 1 Jul 2022 · 1 min read कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं। कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं, जब आंखें आंसुओं से लिपट जाती हैं। भीगते तो हैं सतह मगर, चोटें आत्मा तक पहुँच जाती हैं। कहते हैं अंधकार मिटाने को वो... Hindi · Hindi Poem · Life · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 3 2 458 Share Manisha Manjari 30 Jun 2022 · 1 min read अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है। उन परिंदों की उड़ान पर कब तक पहरे लगा पाएगा कोई, जिन्होंने उड़ना भी पंख गंवाने के बाद हीं सीखा है। अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है, और खुद... Hindi · Hindi Poem · Life · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 3 4 346 Share Previous Page 3