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अंधेरे घरों को रौशन करने कोई नहीं आता यहाँ, पर तेरी देहरी से दीप चुरा, करना चाहेगा रौशन अपना वो जहाँ। सही कहा है आपने। अति सुन्दर रचना। धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार अनामिका जी।
अंधेरे घरों को रौशन करने कोई नहीं आता यहाँ,
पर तेरी देहरी से दीप चुरा, करना चाहेगा रौशन अपना वो जहाँ। सही कहा है आपने। अति सुन्दर रचना। धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार अनामिका जी।