Comments (6)
12 Sep 2022 12:13 PM
Bahut hi umda prastuti. Aapka ke lekhan se ham me bhi likhne ki chaht paida hoti hai. Bahut hi shandar likha aapne
Manisha Manjari
Author
13 Sep 2022 06:16 PM
बहुत बहुत धन्यवाद आभार ताज जी 🙏🙏🙏
12 Sep 2022 09:22 AM
हिम्मतों का साथ मैं, फिर भी छोड़ ना पायी,
गिरकर हर बार उठी, ये देख मंज़िलें भी पास आयीं। उम्मीदे हौसले जगाती ये रचना बेहतरीन शानदार लाजवाब निःशब्द कर देती है आपकी कलम। एक अलग आत्मिक संतुष्टि मिलती है आपकी कलम पढ़ने के बाद 👍👍👍💐💐💐
Manisha Manjari
Author
13 Sep 2022 06:16 PM
बहुत बहुत धन्यवाद आभार शेखर जी 🙏🙏😊
जिदंगी आने वाले उतार-चढ़ाव की झलक आपके रचना में बेहतरीन ढंग से आपकी रचना में हमें पढने को मिल जाती है और हमारी नजरें कलम के जादूगर अर्थात आप की रचना पर आकर टिक जाती है।इस रचना में आपने जिस तरह से जिदंगी के दर्द और हौसलों का बयान किया है वह बेहद सराहनीय है।बेहद ही उम्दा कलम,बेहतरीन, लाजवाब रचना👌🏻👌🏻👍🏻👍🏻💐💐🙏🏻🙏🏻
इतनी हौसला अफ़ज़ाई के लिए हृदय से धन्यवाद आभार अनामिका जी 🙏🙏🙏😊