Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2022 · 1 min read

ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी टकराएं,ऐसी कोई बात ना हो।

ख़्वाहिश है कि फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो,
राहें हमारी टकरायें, ऐसी कोई बात ना हो।
अंधेरों में गुम होने की आदत है मुझे,
जिसकी सुबह फिर आये, ऐसी रात ना हो।
ज़िन्दगी ने हमेशा सफ़र में रखा है मुझे,
घर की दहलीज पास आ जाए, ऐसे हालात ना हों।
मरुभूमि की तपिश, जाने क्यों भांति है मुझे,
जिसकी बूंदें सुकूं दे जाए, ऐसी बरसात ना हो।
जो हर पल मदहोशी, की आगोश में डुबाये मुझे,
जहन की जमीं पे मेरे, ऐसे कोई ख़्यालात ना हों।
फ़क़ीरों जैसे उस ख़ुदा में, भटकना है मुझे,
जो एक मुक्कम्मल जहाँ दे जाए, ऐसी कोई खैरात ना हो।
यूँ तो दिए की रौशनी भी चुभती है मुझे,
जिससे आंखें धुंधला जाएँ, वो उल्कापात ना हों।
एक सितारा टूटे और सपनों की दुआएं दे मुझे,
किसी क्षितिज़ पे ऐसी, कोई क़ायनात ना हों।
एक बार फिर से खुशियां छू जाएं मुझे,
किसी जादू की छड़ी में वो,करामात ना हों।
जो ग़मों को छीन, तन्हा कर जाए मुझे,
किसी के हाथ में ऐसी, कोई सौगात ना हो।
आस्था की डोर में, फिर से पीरो दे जो मुझे,
ऐसा मंदिर कभी, किसी को ज्ञात ना हो।
प्रीत ने विश्वास की आस में छला है मुझे,
फिर मेरी भावनाओं पर वो आघात ना हों।
ख्वाबों में भी नयी सांसें दे जाए जो मुझे,
कभी ऐसे किसी भ्रम की, शुरुआत ना हो।
ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो,
राहें हमारी टकराएं,ऐसी कोई बात ना हो।

8 Likes · 12 Comments · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
नफ़रतों की बर्फ़ दिल में अब पिघलनी चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
हूं बहारों का मौसम
हूं बहारों का मौसम
साहित्य गौरव
3270.*पूर्णिका*
3270.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*श्रमिक मजदूर*
*श्रमिक मजदूर*
Shashi kala vyas
आदमी की आँख
आदमी की आँख
Dr. Kishan tandon kranti
दो जिस्म एक जान
दो जिस्म एक जान
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-331💐
💐प्रेम कौतुक-331💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आंधी
आंधी
Aman Sinha
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
हर चाह..एक आह बनी
हर चाह..एक आह बनी
Priya princess panwar
रात सुरमई ढूंढे तुझे
रात सुरमई ढूंढे तुझे
Rashmi Ratn
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
श्याम सिंह बिष्ट
आहत न हो कोई
आहत न हो कोई
Dr fauzia Naseem shad
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मन को जो भी जीत सकेंगे
मन को जो भी जीत सकेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
स्वयं को तुम सम्मान दो
स्वयं को तुम सम्मान दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
खुदकुशी नहीं, इंक़लाब करो
खुदकुशी नहीं, इंक़लाब करो
Shekhar Chandra Mitra
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Bodhisatva kastooriya
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
Rituraj shivem verma
■ दास्य भाव के शिखर पुरूष गोस्वामी तुलसीदास
■ दास्य भाव के शिखर पुरूष गोस्वामी तुलसीदास
*Author प्रणय प्रभात*
--पागल खाना ?--
--पागल खाना ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
Loading...