Comments (10)
28 Sep 2022 01:38 PM
समाज को जागृत कर देने वाली रचना 🙏🙏🙏
Manisha Manjari
Author
28 Sep 2022 01:50 PM
बहुत बहुत आभार वैष्णवी जी🙏🙏🙏
28 Sep 2022 12:53 AM
वा क्या बात है पुरुषी समाजव्यवस्था को आईना दिखाती एक लाजवाब खूबसूरत रचना, पुरुषी मानसिकता की आँखों के अहम् के परदों को तार तार करती एक परिवर्तनीय कलम 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌷🌷🌷
28 Sep 2022 12:36 PM
जी धन्यवाद..! बस समाजपरिवर्तन का एक कतरा भी बने तो हमारा जीवन सफल होगा हर व्यक्ति की सोच में बदलाव लाना जरुरी है 🙏🙏🙏
Manisha Manjari
Author
28 Sep 2022 12:54 PM
बहुत हीं उम्दा सोच है आपकी ये सौभाग्य है हमारा की आप जैसे लेखकों का साथ मिला मुझे 🙏🙏🙏
27 Sep 2022 11:10 PM
क्यों ना इस नवरात्र उस मानसिकता की हीं बलि चढ़ायेंगे बेहतरीन विचार को साहित्य पटल पर आपने रखा है और नारी के उत्थान की ओर अपनी रचना के जरिए जागृती फेलाने की बेहतरीन कोशिश की है। लाजवाब सृजन👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷
Manisha Manjari
Author
27 Sep 2022 11:14 PM
बहुत बहुत आभार अनामिका जी… साहित्य तो समाज का प्रतिबिंब होता है.. बस कोशिश यही है कि ये रचनाएँ थोड़ी सी जागरूकता जगा सके 🙏🙏
दिखावा, अंधविश्वास और संकीर्ण सोच पर करारी चोट…….. बेहतरीन रचना 😊
बहुत बहुत आभार रमण जी🙏🙏🙏 😊