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Comments (10)

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18 Sep 2022 03:05 PM

अद्भुत, उम्दा।

21 Sep 2022 10:31 AM

बहुत बहुत आभार🙏🙏

सच एक यथार्थ पूर्ण रचना 🙏🙏🙏

21 Sep 2022 10:31 AM

बहुत बहुत आभार वैष्णवी जी 🙏🙏🙏

15 Sep 2022 10:43 AM

हर बार आपकी रचना जीवन के एक नए यथार्थ साथ हमें जोड़ती है और पल पल बदल रही जीवन की सच्चाई को उजागर कर हमारे पास लाती है । हमारी बेबसी,हमारी संवेदनाएँ,हमारी चरित्र को दर्शाती हुई बेहतरीन, लाजवाब, शानदार रचना है👌👌👌👌🙏🙏🌷🌷

15 Sep 2022 01:22 PM

इतना प्रोत्साहित करने हेतु सहृदय आभार अनामिका जी .. बस आप सब की लेखनी का हीं ये असर है, जो मैं कुछ लिख पा रहीं हुं.. सदैव ऐसे हीं मार्गदर्शन करती रहें 🙏🙏🙏🙏💫

उर्दू-हिंदी की मिली-जुली भाषा में कविता लिखना बेहतर होता है।

15 Sep 2022 01:18 PM

मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार शेखर जी, आगे से मैं इस तथ्य का ध्यान रखूँगी 🙏🙏🙏

एक शब्द में बोलु तो निःशब्द…! ना आगे कुछ बोल सकता हूँ.. ना आगे कुछ लिख सकता हूँ.. इस रचना के बारे में और ज्यादा लिखना इस सृजन के अल्फाज़ो के साथ बेईमानी होगी.. निःशब्द निःशब्द 👍👍👍💐💐💐

15 Sep 2022 12:13 AM

बहुत बहुत आभार शेखर जी.. निशब्द तो आपकी रचनाएँ करतीं हैं मुझे, गहन सोच और यथार्थपूर्ण लेखनी है, आपकी.. ऐसे हीं सदैव अपनी सोच को शब्दों में पिरोते रहें और हमारी प्रेरणा स्रोत बने 🙏🙏🙏

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