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Comments (6)

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25 Oct 2022 01:41 PM

ख्वाहिश के पीछे भागते हुए एक कड़वा सच को आपने अपने अल्फाज से बेहतरीन और उम्दा ढंग से उजागर किया है ।दिल ❤️ को छूती हुई लाजवाब रचना👌👌👌👌🙏🙏🙏💐💐

25 Oct 2022 01:44 PM

बहुत बहुत आभार अनामिका जी🙏🙏🙏🙏

ये ख़्वाहिशें हमें, क्या से क्या बना जाती हैं। जीवन का ये कड़वा सत्य है जिसके लिए इंसान कहाँ से कहाँ भटकता है ये रचना मेरे मन को बेहद छू गई मनीषा जी 👌👌👌 क्या बताये आप के कलम का जादु सर चढ़ के बोलता है गज़ब 💐💐💐

25 Oct 2022 01:39 PM

इतनी हौसला अफ़ज़ाई के लिए हृदयतल से आभार शेखर जी🙏🙏🙏🙏

ये ख्वाहिशे हमे क्या से क्या बनाती है,,,, वाह वाह मैम लाजवाब रचना ✌✌✌✍️✍️🙏🙏🙏

22 Oct 2022 07:24 PM

बहुत बहुत धन्यवाद वैष्णवी जी 🙏🙏🙏

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