Comments (6)
24 Oct 2022 03:36 PM
ये ख़्वाहिशें हमें, क्या से क्या बना जाती हैं। जीवन का ये कड़वा सत्य है जिसके लिए इंसान कहाँ से कहाँ भटकता है ये रचना मेरे मन को बेहद छू गई मनीषा जी 👌👌👌 क्या बताये आप के कलम का जादु सर चढ़ के बोलता है गज़ब 💐💐💐
Manisha Manjari
Author
25 Oct 2022 01:39 PM
इतनी हौसला अफ़ज़ाई के लिए हृदयतल से आभार शेखर जी🙏🙏🙏🙏
22 Oct 2022 07:21 PM
ये ख्वाहिशे हमे क्या से क्या बनाती है,,,, वाह वाह मैम लाजवाब रचना ✌✌✌✍️✍️🙏🙏🙏
Manisha Manjari
Author
22 Oct 2022 07:24 PM
बहुत बहुत धन्यवाद वैष्णवी जी 🙏🙏🙏
ख्वाहिश के पीछे भागते हुए एक कड़वा सच को आपने अपने अल्फाज से बेहतरीन और उम्दा ढंग से उजागर किया है ।दिल ❤️ को छूती हुई लाजवाब रचना👌👌👌👌🙏🙏🙏💐💐
बहुत बहुत आभार अनामिका जी🙏🙏🙏🙏