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Comments (8)

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वा वा जीतनी तारीफ करू उतनी कम,अल्फ़ाज़ ही नहीं है एक एक लाइन जैसे जीवन का संपूर्ण सार हो मंझिरी मैडम अभी हम सिर्फ पढ़ेंगे लिखेंगे कम

Oh sorry madam

28 Jul 2022 01:46 PM

Are sorry nahi maine to bas naam sahi kiya lagta tha dusre ka hh🤭🙏

28 Jul 2022 01:03 AM

कहां से आप लोग ऐसे अहसास लाते हो। बहुत ही आला कलाम। शानदार लाजवाब लिखा आपने।

28 Jul 2022 08:22 AM

बहुत बहुत आभार ताज जी 🙏😊

27 Jul 2022 07:46 PM

लाजवाब प्रस्तुति।बेहतरीन शब्दो का चयन।

28 Jul 2022 08:22 AM

बहुत बहुत आभार अनामिका जी 🙏😊

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