Vijay kumar Pandey 81 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay kumar Pandey 3 Mar 2025 · 1 min read ~हृदय पर दोहे ~ ~हृदय पर दोहे ~ हृदय वक्ष अन्दर बसे, करें तंत्र संचार। जैसा डालें ज्ञान हम, वैसे निकले सार।। हृदय जगह हरि वास का, चाहे सुन्दर भाव। इसमें डालें गंदगी, निश्चित... Quote Writer 2 1 37 Share Vijay kumar Pandey 3 Mar 2025 · 1 min read हृदय पर दोहे ~हृदय पर दोहे ~ हृदय वक्ष अन्दर बसे, करें तंत्र संचार। जैसा डालें ज्ञान हम, वैसे निकले सार।। हृदय जगह हरि वास का, चाहे सुन्दर भाव। इसमें डालें गंदगी, निश्चित... Hindi · दोहा 1 50 Share Vijay kumar Pandey 1 Mar 2025 · 1 min read प्रेम आज गुस्ताख़ सा, रहता नजर झुकाय। प्रेम आज गुस्ताख़ सा, रहता नजर झुकाय। पूत - प्रेमिका -मित्र से,पल -पल धोखे खाय।। -प्यासा Quote Writer 34 Share Vijay kumar Pandey 1 Mar 2025 · 1 min read एक दोहा -प्यासा इक उल्लू ही बहुत है, बर्बादी को बाग। क्या होगा उस बाग का,जहँ उल्लू हर शाख।। -"प्यासा" Hindi · कविता 40 Share Vijay kumar Pandey 1 Mar 2025 · 1 min read इक उल्लू ही बहुत है, बर्बादी को बाग। इक उल्लू ही बहुत है, बर्बादी को बाग। क्या होगा उस बाग का,जहँ उल्लू हर शाख।। -"प्यासा" Quote Writer 44 Share Vijay kumar Pandey 22 Feb 2025 · 1 min read ~ छोड़ो नफरत बस प्यार करो ~ छोड़ो नफरत बस प्यार करो। ------------------------------------ छोड़ो नफरत बस प्यार करो। सच बात यही स्वीकार करो। जो प्यार मिले अपनाओ तुम। आगंतुक का सत्कार करो। छोड़ो .. यह जीवन तेरा... Hindi · कविता 1 53 Share Vijay kumar Pandey 15 Feb 2025 · 1 min read ~गाय पर कविता~ ~गाय पर कविता~ गाय एक चौपाया प्राणी। माता इसको कहते ज्ञानी खाती यह चारा औ चोकर । उपजाती खेती दे गोबर । बल से इसके बढ़े किसानी। गाय एक चौ...।... Quote Writer 1 35 Share Vijay kumar Pandey 15 Feb 2025 · 1 min read गाय पर कविता गाय एक चौपाया प्राणी। माता इसको कहते ज्ञानी । खाती यह चारा औ चोकर । उपजाती खेती दे गोबर । बल से इसके बढ़े किसानी। गाय एक चौपाया प्राणी। गाय... Hindi · कविता 1 56 Share Vijay kumar Pandey 13 Feb 2025 · 1 min read कहिए सुनिए सोच के -प्यासा के कुंडलियां ~कुंडलियां~ कहिए सुनिए सोच के, चाहे जो भी बात। लेन देन हम आपका, होता यहीं हिसाब ।। होता यहीं हिसाब,सदायें पीछा करती। रह जाते जो काम, सभी को करनी पड़ती।।... Hindi · कुंडलियां 1 60 Share Vijay kumar Pandey 11 Feb 2025 · 1 min read प्यारी कविते सुन,मधुर व्यथा। प्यारी कविते सुन,मधुर व्यथा। -------------------------------------- प्यारी कविते सुन,मधुर व्यथा। जल-जल के आ, झर-झर के आ। तूलिका से झर, दीपक सा जल हर तिमिर कोण तक ज्ञान असल समझा के आ,बतला... Hindi · कविता 1 63 Share Vijay kumar Pandey 10 Feb 2025 · 1 min read माली की अभिलाषा ~माली की अभिलाषा ~ कुछ पुष्प धरा पर आकर के , अपना जौहर दिखलाते हैं। कुछ हो जाते उद्देश्य-हीन, असमय में ही मुरझाते हैं। कुछ ना चढ़ पाते देव-शीश, ना... Hindi · कविता 63 Share Vijay kumar Pandey 8 Feb 2025 · 1 min read ~प्यासा प्रेम ~ ~प्यासा प्रेम ~ प्यासा' प्रेम अमोल है मत तोड़ो झटकाय। टूटे डोर पतंग का बहुत दूर चलि जाय।। बहुत दूर चलि जाय, हाथ ना फिर वो आवे। खान पान सम्मान... Hindi · कुण्डलिया 1 33 Share Vijay kumar Pandey 1 Feb 2025 · 1 min read विद्या देवी विद्या देवी दे दो विद्या। दूर हमारे करो अविद्या। मन से तम हों दूर सदा ही। ज्योत ज्ञान की जले सदा ही। उर में तेरा वास रहे माँ। सांसों में... Hindi · कविता 42 Share Vijay kumar Pandey 1 Feb 2025 · 1 min read खट्टे अंगूर खट्टे अंगूर सुस्त लोमड़ी लोभी भारी। ठगती घूमती जंगल सारी। खाने की , शौकीन बहुत थी। आदत की ,रंगीन बहुत थी। ऐठ बहुत थी, उसके अंदर। बात में उसके, थे... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया 1 44 Share Vijay kumar Pandey 30 Jan 2025 · 1 min read प्यासा की कविता -मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी जंगल की इक बात पुरानी। यह कहती थी मेरी नानी। इक कौवे ने रोटी पाया। उड़ा उसे ले नभ में छाया। खुश था कौआ रोटी पा कर । खायेगा वह... Hindi · कविता · प्यासा की कविता 1 51 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2025 · 1 min read प्यासा कौआ प्यासा कौआ! गर्मी का दिन जेठ महीना । था कौवे को पानी पीना। प्यासा कौआ तड़प रहा था । पानी को वह तरस रहा था । दिख्खे उसको कहीं न... Hindi · कविता · कुण्डलिया 2 60 Share Vijay kumar Pandey 11 Oct 2024 · 1 min read ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई एक ग़ज़ल चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई । चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई। जो कहना हमें था सभी आदमी से, जिसे है सुधरना सुधर जाओ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 131 Share Vijay kumar Pandey 28 Sep 2024 · 1 min read ❤️❤️ भोजपुरी ग़ज़ल ❤️❤️ ❤️❤️ भोजपुरी ग़ज़ल ❤️❤️ छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ। छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ। रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ, होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ। मात... Quote Writer 242 Share Vijay kumar Pandey 24 Sep 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ। छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ। रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ, होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ। मात पिता कुल के... Bhojpuri · ग़ज़ल 193 Share Vijay kumar Pandey 24 Sep 2024 · 1 min read प्यासा के भोजपुरी ग़ज़ल ❤️❤️ग़ज़ल ❤️❤️ छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ। छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ। रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ, होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ। मात पिता कुल... Bhojpuri 160 Share Vijay kumar Pandey 15 Sep 2024 · 1 min read खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया ~ एक कुण्डलिया छंद ~ खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । पकता रहे दिमाग में , जीवन हो दुश्वार।। जीवन हो दुश्वार, बिगड़ती जाये हालत। अच्छी वाली सोच, रखें... Hindi · कुण्डलिया · दोहा 1 189 Share Vijay kumar Pandey 9 Aug 2024 · 1 min read ~ग़ज़ल ~ ~ग़ज़ल ~ कोई पहले कोई बाद में परेशान हुआ। जो ना समझा हर इक बात में परेशान हुआ। *** ये दुनिया चल रही ऐसे ही रफ्तार में कुछ , कोई... Quote Writer 1 213 Share Vijay kumar Pandey 9 Aug 2024 · 1 min read Pyasa ke gajal ~ ग़ज़ल ~ कोई पहले कोई बाद में परेशान हुआ। जो ना समझा हर इक बात में परेशान हुआ। *** ये दुनिया चल रही ऐसे ही रफ्तार में कुछ ,... Hindi · ग़ज़ल 214 Share Vijay kumar Pandey 8 Aug 2024 · 1 min read हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे -विजय कुमार पाण्डेय हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे सीख लिया। कैसे रहना क्या दिखलाना हां मैं तुमसे सीख लिया। *** बात मिलाई कुछ ना मैंने सब सीधा सब सादा है कहना... Hindi · कविता 177 Share Vijay kumar Pandey 7 Aug 2024 · 1 min read --पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' ---पुर्णिका--- रख दूं कलम मै क्या ,ये बस का काम नही है। लिखना लिखाना सच, में खाना आम नही है। *** लिखते अगर हो व्यंग्य तो कुछ क्रुद्ध हो जायें,... Hindi · ग़ज़ल · पुर्णिका 170 Share Vijay kumar Pandey 6 Aug 2024 · 1 min read बिल्ली बिल्ली देखो देखो बिल्ली आई, इसके पास बहुत चतुराई। इसे शौक खाने -पीने की, मिले उड़ाती दूध मलाई ।०देखो- भागे फिरती इधर उधर यह, दिख जाती घर किसी डगर यह।... Quote Writer 1 247 Share Vijay kumar Pandey 6 Aug 2024 · 1 min read बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय बिल्ली देखो देखो बिल्ली आई, इसके पास बहुत चतुराई। इसे शौक खाने -पीने की, मिले उड़ाती दूध मलाई ।०देखो- भागे फिरती इधर उधर यह, दिख जाती घर किसी डगर यह।... Hindi · कविता 1 159 Share Vijay kumar Pandey 20 Jul 2024 · 1 min read परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल) ग़ज़ल परिंदे बिन पर के नही होते। उड़ान बिना डर के नही होते। हौसलों की बात कहां तक करें यह भी बिना ज़र के नही होते। रात कहे जा घर,उसे... Hindi 146 Share Vijay kumar Pandey 1 Jul 2024 · 1 min read दान गरीब भाई को कीजिए -कुंडलियां -विजय कुमार पाण्डेय एक कुंडलियां छंद- दान भ्रात को कीजिए,गर हो दीन -गरीब। सब दानों में सिद्ध यह ,दानी बने महीप।। दानी बने महीप, कीर्ति चारों दिश फैले । जन्म-जन्म का दोष, दूर... Hindi · कुण्डलिया 164 Share Vijay kumar Pandey 27 Jun 2024 · 1 min read कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दोहा-रोले संग दो, कुछ विधियां लें साथ। कुण्डलिया तैयार हो, 'प्यासा' हाथों हाथ।। 'प्यासा' हाथों हाथ , अंतिम चरण दोहे का। ले करें निर्माण, पहले चरण रोले का।। दोहा पहला... Hindi · कुण्डलिया 217 Share Vijay kumar Pandey 24 Jun 2024 · 1 min read नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa' नंगापन को क्यों कहो,करते हो स्वीकार। वसन हीन निर्वस्त्र हो,घुमते यूं बाजार।। घुमते यूं बाजार, नयापन इसको कहके । क्या देते संदेश, स्वयं को नंगा करके ।। कह 'प्यासा' तरजीह,ना... Hindi · कुण्डलिया 146 Share Vijay kumar Pandey 22 Jun 2024 · 1 min read एक कुण्डलियां छंद- एक कुण्डलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Quote Writer 123 Share Vijay kumar Pandey 22 Jun 2024 · 1 min read एक कुण्डलियां छंद- एक कुण्डलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · Quote Writer 119 Share Vijay kumar Pandey 20 Jun 2024 · 1 min read एक कुंडलियां छंद- एक कुंडलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया न बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 160 Share Vijay kumar Pandey 20 Jun 2024 · 1 min read रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa' एक कुंडलियां छंद- रुपया-पैसा सब जगह,बिन पैसे नही कुछ। पैसा गया त बूझ लो, बिगड़ा जग का रूप।। बिगड़ा जग का रूप,जगत सम्मान न देता। टेढ़ा मुह सब करें, घरो-परिवार-चहेता।।... Hindi · कुण्डलिया 230 Share Vijay kumar Pandey 18 Jun 2024 · 1 min read एक कुंडलियां छंद- एक कुंडलियां छंद- मुश्किल-दुर्लभ हैं बहुत, राजनीति में मित्र। सत्य मुँह के भी झूठे,होते यहां विचित्र।। होते यहां विचित्र, स्वार्थ से बड़ा नही कुछ।। हुआ जुआ सा खेल, युधिष्ठिर हारे... Quote Writer 1 292 Share Vijay kumar Pandey 18 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (pyasa ke kundalian) pyasa एक कुंडलियां छंद- मुश्किल-दुर्लभ हैं बहुत, राजनीति में मित्र। सत्य मुँह के भी झूठे,होते यहां विचित्र।। होते यहां विचित्र, स्वार्थ से बड़ा नही कुछ।। हुआ जुआ सा खेल, युधिष्ठिर हारे... Hindi · कुंडलियां 218 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दारू-मदिरा से सुनो,कभी न बनते काम। धीरे -धीरे हे सखे,बिगड़े जाते नाम ।। बिगड़े जाते नाम, स्वास्थ्य गिरते ही जाते। घर समाज सब जगह, मुफ्त में हँसी उड़ाते ।। 'प्यासा'लत... Hindi · कुंडलिनी छंद 164 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा') एक कुंडलियां छंद- जीवन जीना जानकर, समझ-बूझ के साथ। कदम-कदम हरि नाम का,पकड़े रहना हाथ।। पकड़े रहना हाथ, हरि नीज सांसों रखना । हर जीवों में व्याप्त, हरि रूप हरदम... Hindi · कुण्डलिया 227 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read 'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa' एक कुंडलियां छंद- गजब आज है मित्रता,सब पैसों का खेल। पैसे ना हों पास तो, हुईं मित्रता फेल ।। हुईं मित्रता फेल , किसी के फोन न आते । अगल... कुंडलिनी छंद 161 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa' सुखदाई और प्यारा रेल। कभी ना देखा हारा रेल। रेल सफर आसान बनाती । समझें इसे देश की थाती। सोचें जहां आपको जाना । इसका काम वहां पहुंचना। रेल न... Hindi · कविता 144 Share Vijay kumar Pandey 12 Jun 2024 · 1 min read दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां) दौलत दौलत ना करें,तज मानवता धर्म। जाते दौलत संग ना, जाते हैं बस कर्म। जातें हैं बस कर्म, छणिक दौलत की माया। जिसके जैसे कर्म, जियत जग में सुख पाया।।... Hindi · कुंडलिनी छंद 178 Share Vijay kumar Pandey 15 Feb 2024 · 1 min read प्यासा पानी जानता,. @highlight ~पानी~ प्यासा पानी जानता, होती कैसी प्यास । लग जाती जब प्यास तो, आये ना कुछ रास।।१ पानी जग का मूल है,घर इसका पाताल। जीवन रक्षा के लिए,बसा नदी... English 1 209 Share Vijay kumar Pandey 13 Feb 2024 · 1 min read Pyasa ke dohe (vishwas) ~छ: दोहे ~ ---------------- मेरे प्यारे मित्र तुम, होना नही निराश । तिनका-तिनका घोंसला,रचता मन विश्वास।।१ तजिए ना विश्वास को, रखिए आश विशुद्ध । मिल जायेंगे राम भी, मिल जायेंगे... Hindi · दोहा छंद · दोहे 1 337 Share Vijay kumar Pandey 10 Feb 2024 · 1 min read हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा' हिन्दी पढ़ लो हिन्दी सीखो देश करो हिन्दीमय सारा । हिन्दी का नित ज्ञान बढ़ा लो, करो काम हिन्दी में सारा। हिन्दी बोलो पढ़ो क़िताबें । हिन्दी-बल जग हितकारी है... Hindi · कविता 2 202 Share Vijay kumar Pandey 8 Feb 2024 · 1 min read प्यासा के हुनर ❤️❤️❤️ हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये। हुनर वैसा भी नही कि लीख का लाख हो जाये । यहां कहना है साहब कि हुनर ईमानदार हो... Hindi · मुक्तक · मुक्तक छंद 264 Share Vijay kumar Pandey 7 Feb 2024 · 1 min read हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये। हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये। हुनर वैसा भी नही कि लीख का लाख हो जाये । यहां कहना है साहब कि हुनर ईमानदार हो ।... Quote Writer 223 Share Vijay kumar Pandey 7 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद) गगन सूरज चांद सभी धरा। जलज जीवन से सब जो बना। शलभ कीट-मकोड़ प्रजातियां । प्रकृति रूप सजी मिल घाटियां ।१। अचल से छँट सूरज रौशनी । बिटप पार करे... Hindi · कविता 1 173 Share Vijay kumar Pandey 30 Jan 2024 · 1 min read द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा" द्रुत विलम्बित छंद ( गणतंत्रता ) -'प्यासा सुखद है गणतंत्र सदा सदा। समझ लो यह मंत्र स्वतंत्रता। यह वही दिन वक्त विधान का। लिखित रूप मिला अधिकार का।।१ अब हमे... Hindi · कविता 1 210 Share Vijay kumar Pandey 25 Jan 2024 · 1 min read माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में.. #जयमाँ मां सरस्वती अन्तर्मन में, इक बार तु दर्शन दे दो मांँ। यह भाग्य मेरा सुधर जाये, मम मस्तक चंदन दे दो मांँ। मै आँख मे निज तुझे ढूँढूँ ,... Hindi · कविता 231 Share Page 1 Next