~गाय पर कविता~

~गाय पर कविता~
गाय एक चौपाया प्राणी।
माता इसको कहते ज्ञानी
खाती यह चारा औ चोकर ।
उपजाती खेती दे गोबर ।
बल से इसके बढ़े किसानी।
गाय एक चौ…।
गाय शुद्ध निर्मलतम सबसे।
गंगा सी पवित्रतम सबसे।
गाय पूज्य जाती पहचानी।
गाय एक चौ….।
रंगत गाय अनेकों रहते।
जर्सी, देसी,जिसको कहते।
कई दूध देती मनमानी।
गाय एक चौ…।
गाय दूध से बने मिठाई।
दही घी की बड़ी बड़ाई।
सेवा करते जिनको खानी।
गाय एक चौ…।
देव तुल्य है गो की सेवा।
देती यह मनवांछित मेवा।
सेवा की है कई कहानी।
गाय एक चौ..।
-प्यासा