Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey ‘pyasa’

सुखदाई और प्यारा रेल।
कभी ना देखा हारा रेल।

रेल सफर आसान बनाती ।
समझें इसे देश की थाती।

सोचें जहां आपको जाना ।
इसका काम वहां पहुंचना।

रेल न करता भेद भाव है।
न इसमें कोई अभाव है।

रखना साफ हम सबका काम।
सोच यह सबको दे आराम।
-प्यासा

Language: Hindi
126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ऋतुराज
ऋतुराज
Santosh kumar Miri
🙅सब एक बराबर🙅
🙅सब एक बराबर🙅
*प्रणय प्रभात*
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
Ami
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
ਸਾਮ ਦੇ ਧੁੰਧਲਕੇ ਵਿਚ
ਸਾਮ ਦੇ ਧੁੰਧਲਕੇ ਵਿਚ
Surinder blackpen
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समर्पण
समर्पण
Neerja Sharma
संवेदना
संवेदना
Shama Parveen
चल मोहब्बत लिखते हैं
चल मोहब्बत लिखते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
Rj Anand Prajapati
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
संस्कारों का ताज़ केवल औरत के सिर पर रखा गया,
संस्कारों का ताज़ केवल औरत के सिर पर रखा गया,
raijyoti47.
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
Lokesh Sharma
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
Keshav kishor Kumar
बस अपनी बात मनवाने आती है।
बस अपनी बात मनवाने आती है।
Iamalpu9492
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
Ravi Prakash
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
Rekha khichi
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"Gym Crush"
Lohit Tamta
कुछ पल गम में
कुछ पल गम में
पूर्वार्थ
ख़त
ख़त
Kanchan Advaita
" बरसात "
Dr. Kishan tandon kranti
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
संतोष
संतोष
Manju Singh
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
Loading...