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8 Aug 2024 · 1 min read

हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे -विजय कुमार पाण्डेय

हँसता दिखना दर्द छुपाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
कैसे रहना क्या दिखलाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
बात मिलाई कुछ ना मैंने सब सीधा सब सादा है
कहना कब कब चुप हो जाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
चन्दा सूरज कैसे जग को रौशन कर के जाते हैं ,
छुपना कब कब छा जाना है हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
बात जगत के दो रंगी पर क्यों उदास हो जायें हम ,
खुद में भी दो धार लगाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
देख परिंदे लोग यहां पर जाल बिछाये बैठे हैं
जाल छूये बिन दाना खाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
आज कलम के बारे में जो पक्षपात हमने देखा,
रोती कलम को क्या समझना हां मैं तुमसे सीख लिया।
***
तुम जगत हो गुरूवर मेरे सबकुछ तुमसे सीखा हैं
आज बचा सब था जो पाना हां मैं तुमसे सीख लिया।
*** -‘प्यासा’
Vijay Kumar Pandey

Language: Hindi
159 Views
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