इंडिया ने परचम लहराया दुनियां में बेकार गया।
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
जब आपका मन नियंत्रण खो दें तो उस स्थिति में आप सारे शोकों का
मेरी अना को मेरी खुद्दारी कहो या ज़िम्मेदारी,
दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब