Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

सरल स्वभाव मीठी वाणी

*सरल स्वभाव मीठी वाणी ,
आध्यमिकता के गूंजते शंख नाद यहाँ
अनेकता में एकता का प्रतीक मेरा भारत देश महान ,
विभिन्न रंगों के मोती हैं ,फिर भी माला अपनी एक हैं
मेरे देश का अद्भुत वर्णन ,मेरी भारत माँ का मस्तक हिमालय के ताज से सुशोभित
सरिताओं में बहता अमृत यहाँ,
जड़ी -बूटियों संजिवनियों का आलय
प्रकृति के अद्भुत श्रृंगार से सुशोभित
मेरा भारत देश महान ,
अपने देश की महिमा का क्या करूं व्याख्यान
जी चाहे मैं हर जन्म में बन देश का
रक्षा प्रहरी शीश पर शीश झुकाऊँ
देश की खातिर प्राणों की बलि चढाऊँ, भारत माँ की शान में जो दुश्मनों की आँख भी उठ जाए
तो उन्हें” छटी का दूध” याद दिलाऊँ दुश्मन ” दाँतों तले ऊँगली दबाएँ” ” उल्टे पाँव घर लौट जाएँ ”
भारत माँ की आन में, भारत की शान बन जाऊँ
मैं अपनी मातृ भूमि भारत माँ का माँ जैसा ऊँचा सम्मान करूँ ।।
मैं भारत माँ का माँ से भी ज्यादा करूं सम्मान*

176 Views
Books from Ritu Asooja
View all

You may also like these posts

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
Sudhir srivastava
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
इस दीवाली
इस दीवाली
Shally Vij
अगर
अगर
Shweta Soni
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
Kalamkash
2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
ruby kumari
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
भगवती पारीक 'मनु'
समरसता
समरसता
Khajan Singh Nain
- बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा -
- बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा -
bharat gehlot
" आँसू "
Dr. Kishan tandon kranti
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खामोशी सुनता हूं
खामोशी सुनता हूं
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
58....
58....
sushil yadav
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
पूर्वार्थ
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
श्रीहर्ष आचार्य
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ankit Halke jha
बेरंग
बेरंग
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पाप पंक पर बैठ कर ,
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
शब्द
शब्द
Mamta Rani
"पंचतंत्र" में
*प्रणय*
रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)
रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)
Ravi Prakash
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
शिक्षामित्रों पर उपकार...
शिक्षामित्रों पर उपकार...
आकाश महेशपुरी
Just do it
Just do it
Deepali Kalra
कौन मनाएगा तुमको
कौन मनाएगा तुमको
Shekhar Chandra Mitra
Loading...