यादें मेरी वृंदा हैं

यादें मेरी वृंदा हैं
रहें शराफ़त से फिर भी, लोग करते निंदा हैं ।
ऑंसू ही मेरे हमदर्द हैं, जो बिछुड़ करके भी जिंदा हैं ।।
इस मतलबी दुनियां में ‘तमन्ना’, किसको कहे अपना,
ग़म ही मेरे गोकुल हैं, यादें मेरी वृंदा हैं ।।।
यादें मेरी वृंदा हैं
रहें शराफ़त से फिर भी, लोग करते निंदा हैं ।
ऑंसू ही मेरे हमदर्द हैं, जो बिछुड़ करके भी जिंदा हैं ।।
इस मतलबी दुनियां में ‘तमन्ना’, किसको कहे अपना,
ग़म ही मेरे गोकुल हैं, यादें मेरी वृंदा हैं ।।।