बस ख़ुद को याद दिलाना तुम
जीवन एक संघर्ष है बन्दे बस इसको भूल ना जाना तुम।
जब जब लगे कि तू है अकेला बस खुद को याद दिलाना तुम।।
यह तो तेरी अपनी बगिया है और तू ही इस का माली है।
फूलों की फितरत है खिल के सजना बगिया तो रहती खाली है।।
मौसम तो आयेंगे जायेंगे और मौसम का तो काम बदलना है।
पतझड़ से कभी नहीं घबराना नई कोंपलों को फिर खिलना है।।
हर साल नये नये फूलों से अपनी बगिया को सजाना तुम।
जब लगे कि तू है अकेला बस खुद को याद दिलाना तुम।।
कहे विजय बिजनौरी जग में यह बात सभी को बताना तुम।
आये भी खाली थे जायेंगे खाली बस खुद को याद दिलाना तुम।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।