प्रार्थना – जीवन में सदा परिणाम उस प्रकार नहीं आते जैसा कि ह

प्रार्थना – जीवन में सदा परिणाम उस प्रकार नहीं आते जैसा कि हम सोचते और चाहते हैं। किसी भी कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है मगर प्रार्थना उसके स्वयं के हाथों में होती है। प्रार्थना व्यक्ति के आत्मबल को मजबूत करती है और प्रार्थना के बल पर ही व्यक्ति उन क्षणों में भी कर्म पथ पर डटा रहता है जब उसे ये लगने लगता है कि अब हार सुनिश्चित है। प्रार्थना में एक अदृश्य शक्ति समाहित होती है। आप प्रार्थना करना सीखिए! प्रार्थना आपको आशावान बनाकर तब भी पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना सीखाएगी जब आप घोर निराशा से घिरे हुए हों…🙏🏃🏻♂️राष्ट्रहित सर्वोपरि रखिए। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।। विश्व का कल्याण हो। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय 🚭‼️