sp57 हमने कसम खाई थी/ अपने ही बुने जाल में
sp57 हमने कसम खाई थी/ अपने ही बुने जाल में
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हमने कसम खाई थी जिस दिन आज से दारु छोड़ेंगे
मयखाने के पास से निकले 1 पैग तो बनता है
साली ने तारीफ करी स्मार्ट आप तो लगते हैं
इसीलिए तो आज पियेंगे 1 पैग जो बनता है
पहली तारीख सोमवार है नए साल से नहीं पियेंगे
तीनों महूरत एक साथ हैं एक पेग तो बनता है
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अपने ही बुने जाल में वो फंस गया है खुद
किस मुख से कहे किसी से हमको बचाइए
जब थी जरूर मित्र की मुंह फेर लिया था
कोई नहीं है जिससे कहे रास्ता बताइए
वो पहले आप वाला जमाना चला गया
है लखनऊ में आप जरा मुस्कुराइए
मेरे ही दम से चल रहा है सबका कारवां
दुनिया को यह अपना नया शिगूफा सुनाइए
जो अपने घर का रास्ता खुद भूल गया हो
उससे ना कोई आस मियाँ अब लगाइए
माना खुला है आसमान आपके लिए
जो है जमीन पर उन्हें मत भूल जाइए
सुनने का समय है नहीं अब तो किसी के पास
अपनी कहानी किसी को भी मत सुनाईये
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब