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19 Jan 2025 · 1 min read

जीवन है एक गूढ़ ग्रंथ, अनकही इसकी वाणी,

जीवन है एक गूढ़ ग्रंथ, अनकही इसकी वाणी,
हर पृष्ठ पर लिखी है संघर्ष की अमिट कहानी।
विधि के विधान से बंधे हैं इसके नियम,
हर कदम पर मिलते हैं अनुभव के सजीव मर्म।

सफलता की राह में कांटों का वास होता,
आशा का दीपक ही अंधकार को संजीवनी देता।
सागर-सा गहरा है इसका विचारमंथन,
हर क्षण में छिपा है नवीन सृजन का स्पंदन।

नियति का चक्र निरंतर चलता है,
हर ह्रास के बाद नवोत्कर्ष पलता है।
जीवन को जियो जैसे पवन का स्पर्श,
स्वतंत्र, निर्मल, परंतु धरा से अविरल संबंध।

इस महासमर में जो निर्भीक रहता,
वही मानव अपनी लक्ष्मण-रेखा लांघता।
सत्य, साहस, और कर्म का साथ रखो,
जीवन के इस दर्शन को आत्मसात रखो।

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